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लोकसभा चुनाव 2024ः उत्तराखंड के बारह बूथों के लिए मतदान से तीन दिन पहले रवाना होंगी पोलिंग पार्टियां

देहरादून। संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी नमामि बंसल ने सचिवालय में मीडिया को बताया, पांचों लोकसभा सीटों के लिए व्यय पर्यवेक्षक उत्तराखंड पहुँच चुके हैं। शुक्रवार को होने वाले नामांकन के दौरान व्यय पर्यवेक्षक प्रत्याशियों व पार्टियों के खर्च की पूरी निगरानी करेंगे।

उन्होंने बताया कि राज्य में 12 पी-थ्री बूथ (वो बूथ जहां तीन दिन पहले पोलिंग पार्टियां रवाना होती हैं) हैं। इनमें उत्तरकाशी के 11 और एक बूथ कनार धारचूला, पिथौरागढ़ में स्थित है।

उन्होंने बताया कि लोकसभा निर्वाचन में शराब के दुरुपयोग को रोकने के लिए नियमित रूप से कार्रवाई की जा रही है।

20 मार्च को नैनीताल के मुक्तेश्वर थाना क्षेत्र में 450 लीटर और चंपावत में 600 लीटर शराब बरामद की गई।

उन्होंने बताया कि शराब का दुरुपयोग रोकने के लिए कुल 497 फ्लाइंग स्क्वाड गठित की गई हैं।

राज्य स्तर पर शराब के कुल 628 वितरण केंद्रों के अलावा 8 बॉटलिंग प्लांट व डिस्टिलरी की सीसीटीवी मॉनिटरिंग एवं शराब वितरण में लगे सभी वाहनों पर जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम लगाए गए हैं।

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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