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Lok Sabha Election: पोलिंग बूथ तक डोली में लाए जाएंगे ये मतदाता

गर्भवती महिलाओं, 85 वर्ष से अधिक बुजुर्गों और दिव्यांग मतदाताओं को डोली सुविधा

देहरादून। उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव के लिए 19 अप्रैल 2024 को मतदान होना है। निर्वाचन विभाग इस बार चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए जनजागरूकता के साथ ही विशेष अभियान भी चला रहा है। इसके तहत प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी डा. बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ एक बैठक की। इस बैठक में उन्होंने विभाग को पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाले दिव्यांग, बुजुर्ग और गभर्वती महिला मतदाताओं को मतदेय स्थल तक पहुंचाने के लिए डोली की व्यवस्था करने के आदेश दिए हैं।

प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के साथ हुई बैठक के बाद स्वास्थ्य महानिदेशक विनीता शाह ने हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर जिलों को छोड़कर प्रदेश के अन्य सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि गर्भवती महिला मतदाताओं को मतदेय स्थल तक लाने के लिए डोली की व्यवस्था की जाए। इसके अलावा 85 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्ग मतदाताओं और दिव्यांगों को भी यह सुविधा उपलब्ध कराने के आदेश दिए गए हैं।

स्वास्थ्य महानिदेशक ने सभी सीएमओ को कहा है कि वह डोली सुविधा के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी के साथ समन्वय स्थापित करते हुए डोली की व्यवस्था सुनिश्चित करें।

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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