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कॉफी टेबल बुक ‘कुंभः आस्था, विरासत और विज्ञान‘ का विमोचन

देहरादून। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने बुधवार को सचिवालय में कुंभ मेले के महत्व पर आधारित कॉफ़ी टेबल बुक ‘‘कुंभः आस्था, विरासत और विज्ञान‘‘ का विमोचन किया। इस कॉफी टेबल बुक में कुंभ से सम्बंधित फोटोग्राफ, कुंभ की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, कुंभ का विज्ञान आदि विषयों का समावेश किया गया है।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह ने कहा कि कुम्भ मेला भारत की सांस्कृतिक विरासत और आस्था का प्रतीक है। कुम्भ मेला का महत्व सर्वकालिक है।

उन्होंने कहा कि कुम्भ से संबंधित इस प्रकार की रचना के प्रकाशन से कुम्भ के सांस्कृतिक एवं पौराणिकता का भी प्रचार-प्रसार होगा। उन्होंने इसके लिए प्रकाशक मंडल के प्रयासों की सराहना की।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार शत्रुघ्न सिंह, सलाहकार डॉ. आरबीएस रावत, आईजी कुम्भ मेला संजय गुंज्याल, यूकोस्ट के महानिदेशक डॉ. राजेन्द्र डोभाल, कुम्भ मेला नोडल अधिकारी (मीडिया) मनोज श्रीवास्तव, पुस्तक के संपादक कुँवर राज़ अस्थाना आदि उपस्थित रहे।

Key words:- Kumbh 2021, Haridwar Kumbh, Coffee Table book on Kumbh 2021, Chief Minister Uttarakhand, Tirath Singh Rawat

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राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन कर रहे हैं। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते हैं। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन करते हैं।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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