धंसता जोशीमठः विकास के लिए पर्यावरण की अनदेखी
जोशीमठ पहुंचकर प्रभावितों से मिले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी

देहरादून। उत्तराखंड का जोशीमठ शहर इन दिनों बड़े संकट के दौर से गुजर रहा है। जोशीमठ में जमीन धंसने से स्थिति लगातार बिगड़ रही है। छह सौ से ज्यादा मकानों में दरारें आ चुकी हैं। जोशीमठ के तमाम हिस्सों से सतह के नीचे पानी का बेतरतीब ढंग से रिसाव हो रहा है। भू-धंसाव से प्रभावित परिवारों को त्वरित राहत पहुंचाने और उनके पुनर्वास की समुचित व्यवस्था करने की मांग उठाई जा रही है।
उधर, पूर्व केंद्रीय पर्यावरण मंत्री व कांग्रेस नेता जयराम रमेश, जो वर्तमान में भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हैं, ने ट्वीट के माध्यम से कहा, जब मैं पर्यावरण मंत्री था, उत्तराखंड में विकास-पर्यावरण के मुद्दे से जूझता रहा। अधिकांश मामलों में, मैंने पारिस्थितिकीय संरक्षण के पक्ष में निर्णय लिया। इससे मेरे ज्यादा दोस्त नहीं बने, लेकिन जोशीमठ के ये दृश्य मेरी स्थिति की पुष्टि करते हैं।
LIVE: जोशीमठ में प्रभावित क्षेत्र का स्थलीय सर्वेक्षण एवं स्थानीय लोगों से मुलाकात करते हुए
https://t.co/9aHKao2mi6— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) January 7, 2023
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार शाम उच्च स्तरीय बैठक के बाद शनिवार को जोशीमठ पहुंचकर प्रभावितों से बातचीत की। उनका कहना है, प्रभावितों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाना उनकी प्राथमिकता है। इससे पहले मुख्यमंत्री धामी ने जोशीमठ के संबंध में अधिकारियों से रिपोर्ट लेकर अति संवेदनशील क्षेत्रों में बने भवनों को तत्काल खाली कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने प्रभावितों को आश्वस्त किया कि सरकार उनके साथ खड़ी है और चरणबद्ध ढंग से संवेदनशील जगहों से सबको शिफ्ट किया जाएगा।
इससे पहले जोशीमठ में भू-धंसाव के दृष्टिगत जिला प्रशासन ने बीआरओ के अन्तर्गत निर्मित हेलंग बाईपास निर्माण कार्य, एनटीपीसी तपोवन विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना के अन्तर्गत निर्माण कार्य एवं नगरपालिका क्षेत्रान्तर्गत निर्माण कार्यों एवं जोशीमठ-औली रोपवे का संचालन पर रोक लगा दी थी।
उधर, राजीव गांधी पंचायत राज संगठन के प्रदेश अध्यक्ष मोहित उनियाल ने जोशीमठ शहर में जमीन धंसने से हजारों परिवारों को खतरा पैदा होने पर चिंता व्यक्त करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश से विस्तार से वार्ता की। उन्होंने जोशीमठ की जनता की सुरक्षा तथा सभी परिवारों के सुरक्षित विस्थापन की मांग को राष्ट्र स्तर पर उठाने की अपील की।
उनियाल ने कहा कि बड़े हाइड्रो प्रोजेक्ट्स की वजह से उत्तराखंड के पहाड़ों पर संकट खड़ा हो रहा है, इन प्रोजेक्ट्स को तत्काल रोकने की मांग को लेकर कांग्रेस संगठन को बड़ा आंदोलन करना होगा। उनियाल ने बताया, पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने इस बात के लिए आश्ववस्त किया कि कांग्रेस संगठन भाजपा सरकार से इस समस्या के समाधान के लिए निरंतर प्रयास करेगी। उन्होंने संवेदनशील पहाड़ों में हाइड्रो प्रोजेक्ट को लोगों की सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए कहा, उत्तराखंड सरकार पर स्थानीय निवासियों की सुरक्षा के लिए दबाव बनाया जाएगा।
For 26 months when I was Environment Minister, I grappled with the development-environment issue in Uttarakhand. In a vast majority of cases, I decided in favour of ecological protection. This didn’t win me many friends, but these visuals from Joshimath vindicates my position. pic.twitter.com/4UYvgJJbiX
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) January 7, 2023
उनियाल से वार्ता के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने जोशीमठ के मुद्दे पर एक ट्वीट किया, 26 महीने जब मैं पर्यावरण मंत्री था, उत्तराखंड में विकास-पर्यावरण के मुद्दे से जूझता रहा। अधिकांश मामलों में, मैंने पारिस्थितिक संरक्षण के पक्ष में निर्णय लिया। इससे मेरे ज्यादा दोस्त नहीं बने, लेकिन जोशीमठ के ये दृश्य मेरी स्थिति की पुष्टि करते हैं।