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जब मैं मुख्यमंत्री था, तब भी यह समस्या थी, अब इसको लेकर कल पदयात्रा है

देहरादून। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत विधानसभा चुनाव के लिए सोशल मीडिया से लेकर धरातल तक जोर-शोर से सक्रिय हैं। कल (सात दिसंबर,2021) को रावत उस समस्या को लेकर पदयात्रा करेंगे, जो उनके मुख्यमंत्री रहते हुए भी सामने आई थी। यह बात रावत स्वयं स्वीकार करते हैं।
सोशल मीडिया पोस्ट पर पूर्व सीएम लिखते हैं, सहसपुर विधानसभा क्षेत्र में कंडियों के इलाके में जहां हमारे ऊपर की तरफ गांव हैं, उन गांवों में पीने के पानी की गंभीर समस्या है।
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रावत कहते हैं, मेरे सामने भी मुख्यमंत्री के तौर पर समस्या आई थी। मैंने कुछ समाधान निकाला था, लेकिन वो मामला मेरे जाने के बाद ठप पड़ा हुआ है, पानी की समस्या जस की तस है।
पूर्व मुख्यमंत्री का कहना है, मैं उस समस्या को लेकर कल दिनांक सात दिसंबर, 2021 को 3 बजे, डूंगा से लेकर मालडूंग कंडी क्षेत्र के पेयजल समस्या को लेकर पद यात्रा करूंगा। भगवान मेरी टांगों की शक्ति दें। कांग्रेसजन मेरे इस फेसबुक पोस्ट को ही मेरी प्रार्थना समझकर पदयात्रा में सम्मिलित हों।
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हालांकि उन्होंने यह जानकारी नहीं दी है कि इन गांवों में, जहां कल पदयात्रा करेंगे, पानी की समस्या के समाधान की कार्रवाई उनके मुख्यमंत्री कार्यकाल में कहां तक पहुंची थी। क्योंकि उनका कहना है कि ” मैंने कुछ समाधान निकाला था।” यह समाधान क्या था, के बारे में भी जानकारी मिल जाती तो, शायद उनको पुनः पदयात्रा करने की आवश्यकता नहीं होती।
सवाल तो यह भी है कि उनके कार्यकाल से लेकर अब तक, लगभग पांच साल के अंतराल में उक्त गांवों की पानी की समस्या के समाधान के लिए राज्य सरकार पर कितना दबाव पूर्व सीएम या विपक्ष के स्तर से बनाया गया। या फिर ठीक चुनाव के समय ही समस्याओं को उठाना राजनीतिक दलों की प्रवृत्ति बन गया है।
हो सकता है, पूर्व सीएम कल पद यात्रा के दौरान क्षेत्र की पेयजल समस्या पर अपने स्तर से किए गए समाधान की जानकारी देंगे। शायद, उनकी ओर से यह भी बताया जाएगा कि क्षेत्र में पेयजल संकट के खिलाफ विपक्ष की ओर से क्या प्रयास किए गए।
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