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आयुष्मान भवः अभियानः अगस्त्यमुनि में विशेषज्ञ हेल्थ मेला, 332 रोगियों का चेकअप

आभा आईडी अभियान के तहत दूसरे दिन 2762 लोगों की आभा आईडी बनाई गई

रुद्रप्रयाग। आयुष्मान भवः अभियान के अंतर्गत मेडिकल कॉलेज श्रीनगर के सहयोग से बुधवार को सीएचसी अगस्त्यमुनि में विशेषज्ञ हेल्थ मेले में 332 लोगों के स्वास्थ्य की जांच की गई , जबकि 17 का अल्ट्रासाउंड किया गया।

वहीं, आभा आईडी अभियान के तहत दूसरे दिन 2762 लोगों की आभा आईडी बनाई गई और दो स्थानों पर रक्तदाता पंजीकरण शिविर में 118 का पंजीकरण हुआ।

सीएचसी अगस्त्यमुनि परिसर में आयोजित स्वास्थ्य मेले का शुभारंभ मुख्य अतिथि सांसद प्रतिनिधि श्रीनंद जमलोकी, विधायक प्रतिनिधि विक्रम नेगी, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. विमल गुसाईं, प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. विशाल  वर्मा ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. विमल गुसाईं ने बताया, स्वास्थ्य मेले में मेडिकल कॉलेज श्रीनगर के नेत्र रोग, अस्थि रोग, ईएनटी, स्त्री रोग, बाल रोग, मेडिसिन आदि विभाग के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने 332लोगों के स्वास्थ्य की जांच की। जबकि 17 लोगों का अल्ट्रासाउंड किया गया।

चिकित्सक दल में मेडिकल कॉलेज श्रीनगर के विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ. अरविंद कुमार, डॉ. आलोक कुमार, डॉ. आशीष, डॉ. नेहा सिद्दीकी, डॉ. रूचिका भट्ट,  डॉ. राजीव और मनोरोग काउंसलर वैभितोष आदि शामिल हैं।

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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