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श्रीराम पंत ने हार नहीं मानी, आज वो एक्सपर्ट टेलर हैं

डोईवाला की टेलर शॉप में कुशल कारीगर हैं श्रीराम पंत

राजेश पांडेय। डोईवाला

जीवन में जब हमारे सामने मुश्किलें आती हैं, तब हम निराश हो जाते हैं, पर हमारे आसपास वो लोग भी हैं, जो चुनौतियों पर हावी होकर संघर्ष करते हैं। आइए आपको मिलवाते हैं  डोईवाला निवासी श्रीराम पंत जी (Shri Ram Pant jee) से, जो पैर से दिव्यांग हैं, पर उन्होंने कभी हार नहीं मानी।

55 साल के श्रीराम पंत, डोईवाला (Doiwala) की टेलरिंग शॉप सिटी फैशन में लगभग 35 साल से कारीगर हैं। बचपन में अस्वस्थ होने पर एक पैर ने काम करना बंद कर दिया था। स्कूल दूर होने की वजह से कक्षा छह तक ही पढ़ पाए, पर उन्होंने अपने पिता की बात को माना और कहते हैं, पिता की सलाह पर उन्होंने टेलरिंग शॉप पर जाकर काम सीखा। श्रीराम हंसते हुए कहते हैं, कभी मेरा बनाया हुआ सफारी सूट पहनना, आपको बहुत पसंद आएगा। मैं शर्ट बनाने का एक्सपर्ट हूं।

बचपन में डोईवाला के दूधली इलाके में रहने वाले श्रीराम पंत के पिता सरकारी सेवा में थे। उनका तबादला ऋषिकेश वीरभद्र में हो गया। बचपन में ही उनके एक पैर ने काम करना बंद कर दिया। श्रीराम बताते हैं, पढ़ाई छूट गई। पिता सेवानिवृत्त हो गए और डोईवाला के मिस्सरवाला में मकान बनाया। पिता ने मुझसे कहा, तुम कुछ सीख लो, ताकि सही तरीके से जीवन निर्वाह कर सको।

पिता की प्रेरणा ने मेरे जीवन बदल दिया, मैं डोईवाला मिल रोड सिटी लाइट टेलर के पास टेलरिंग सीखने आया। मास्टर जी ने मुझे बहुत अच्छे से सभी काम सिखाए। वो बहुत अच्छे इंसान हैं। मैं कोई भी कपड़ा बना सकता हूं। वैसे मुझे शर्ट बनाना ज्यादा पसंद है। वहां लगभग 15 साल काम किया और फिर सिटी फैशन में आ गया। मुझे लगभग 35 साल हो गए, इस पेशे में।

मुझ पर कोई दबाव नहीं है और महीने में कम से कम लगभग दस से 12 हजार रुपये कमा लेता हूं। कभी इससे अधिक आय भी हो जाती है। मैं अपना जीवन बहुत सम्मान से जी रहा हूं। मैं तो चाहता हूं, हर व्यक्ति कुछ न कुछ सीखे, ताकि जीवन में किसी के सामने हाथ फैलाने की जरूरत न हो।

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Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए सौ से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344

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