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उत्तराखंड को मिले 17 नये पुलिस उपाधीक्षक

नरेंद्रनगर। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने पीटीसी नरेन्द्र नगर में आयोजित दीक्षांत समारोह में प्रशिक्षण के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन करने वाले पुलिस उपाधीक्षकों को सम्मानित किया। सम्मानित होने वालों में रीना राठौर, नताशा सिंह, अभिनय चौधरी, स्वप्निल मुयाल, सुमित पाण्डे शामिल हैं। पीटीसी में 17 पुलिस उपाधीक्षकों ने प्रशिक्षण पूरा किया है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पीटीसी में आडिटोरियम निर्माण की घोषणा की। उन्होंने कहा कि साइबर क्राइम को रोकने के लिए पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे। प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण भत्ता दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने प्रशिक्षण के बाद पास आउट होने  वाले सभी पुलिस उपाधीक्षकों को बधाई देते हुए कहा कि किसी विशेष उद्देश्य की प्राप्ति के लिए दी जाने वाली शिक्षा ही प्रशिक्षण है। प्रशिक्षण कोई एक दिन में पूर्ण होने वाला वन टाइम टास्क नहीं है, अपितु उसके अनुरूप खुद को बदलना पड़ता है। प्रशिक्षण ही वह माध्यम है जिससे हम अपने पेशेवर कार्यों को तेजी व दक्षता से करने में सक्षम होते हैं।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य में कठिन भौगोलिक परिस्थिति सबसे बड़ी चुनौती है, जहां  बाढ़, बादल फटना, भूस्खलन, भूकम्प जैसी प्राकृतिक आपदाओं के अतिरिक्त सड़क दुर्घटनाओं का यदा-कदा सामना करना पड़ता है, ऐसे में राज्य पुलिस की भूमिका अन्य राज्यों की तुलना में और भी चुनौतीपूर्ण हो जाती है।
 मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि भविष्य में साइबर एवं डिजिटल तकनीकी के माध्यम से होने वाले आर्थिक अपराधों, साइबर अपराधों एवं सामाजिक अपराधों से निपटना पुलिस के लिए प्रमुख चुनौती है। इसको भी ध्यान में रखते हुए प्रशिक्षण के दौरान साइबर अपराधों से निपटने की भी जानकारी उन्हें दी गई होगी।
पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि पुलिस के सामने अनेक चुनौतियां हैं। पुलिस को नई-नई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इसलिए कठिन प्रशिक्षण दिया जाता है। उन्होंने कहा कि पुलिस में जन सेवक के गुण होने बहुत जरूरी हैं। हमारा मकसद पीड़ित केन्द्रित होना चाहिए।
हमारा प्रयास होना चाहिए कि समाज के ऐसे लोगों को न्याय दिलाया जाए जो सुविधाओं से वंचित हैं। पुलिस के पास यूनिफार्म के साथ ही कानूनी अधिकार भी है। इस अवसर पर कृषि मंत्री सुबोध उनियाल, अपर पुलिस महानिदेशक, डॉ. पीवीके प्रसाद, पुलिस महानिरीक्षक (प्रशिक्षण) पूरन सिंह रावत, निदेशक पीटीसी राजीव स्वरूप, जिलाधिकारी टिहरी ईवा आशीष श्रीवास्तव, एसएसपी टिहरी सुश्री तृप्ति भट्ट आदि उपस्थित रहे।

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Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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