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साइबर क्राइम के खिलाफ तत्काल मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर 155260

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने पीटीसी नरेन्द्र नगर में साइबर अपराधों में रोकने के लिए ई-सुरक्षा चक्र हेल्पलाइन नम्बर 155260 का शुभारंभ किया। यह नम्बर विशेषकर वित्तीय साइबर अपराधों में त्वरित मदद के लिए है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि साइबर अपराध की चुनौती से लड़ने के लिए उत्तराखंड पुलिस अच्छा प्रयास कर रही है। इस हेल्पलाइन नम्बर की जानकारी सभी को हो, इसलिए इसका व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाए।
आज के डिजिटल युग में साइबर क्राइम को रोकने के लिए जागरूकता लाना जरूरी है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ई-सुरक्षा चक्र बुकलेट का विमोचन भी किया।
कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने हेल्पलाइन नम्बर जारी करने वाला उत्तराखंड देश का तीसरा राज्य बना, इसके लिए उत्तराखंड पुलिस बधाई की पात्र है।
इस अवसर पर बताया गया कि कुछ वर्षों में साइबर अपराध के मामलों में लगातार बढोतरी हुई है। वित्तीय एवं गैर वित्तीय मामले सामने आ रहे हैं। हाल ही में गृह मंत्रालय भारत सरकार ने पीड़ितों को त्वरित सहायता प्रदान कराने के लिए साइबर हेल्प लाइन नम्बर 155260 जारी किया है।
इस नम्बर पर किसी भी प्रकार के वित्तीय साइबर अपराध की सूचना दी जा सकती है तथा पीड़ित को अतिशीघ्र राहत देने का प्रयास किया जाएगा। इस नई प्रणाली के लिए स्पेशल टास्क फोर्स के अधीन साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में एक ई-सुरक्षा चक्र कन्ट्रोल रूम की स्थापना की गई है।

Keywords:- Cyber Crime, e-surksha chakra Helpline number 155260, Special Task Force, Chief Minister, Tirath Singh Rawat

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राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन कर रहे हैं। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते हैं। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन करते हैं।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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