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आपदा प्रबंधन के लिए उत्तराखंड में खुलेगा शोध संस्थानः मुख्यमंत्री

देहरादून। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से आपदा प्रबंधन विभाग की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि आगामी मानसून सीजन के दृष्टिगत सभी तैयारियां जल्द पूर्ण कर ली जाएं।
उन्होंने कहा कि चमोली के तपोवन रैणी क्षेत्री में आई आपदा में लापता लोगों के डेथ सर्टिफिकेट की कारवाई में तेजी लाई जाए, जिससे प्रभावित परिवारों को राहत राशि का भुगतान जल्द किया जा सके।
उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन की दृष्टि से उत्तराखंड में शोध संस्थान खोला जाएगा। राज्य में विभिन्न स्थानों पर कार्यशालाएं आयोजित कर लोगों में जागरूकता लाई जाए।
न्याय पंचायत स्तर तक टीमें गठित कर आपदा प्रबंधन से संबधित सभी महत्वपूर्ण उपकरणों की किट उपलब्ध कराई जाए।  सभी जिलाधिकारी ग्राम स्तर तक सम्पर्क सूत्र बनाए रखें। ग्राम स्तर तक के जनप्रतिनिधियों एवं कार्मिकों की लिस्ट पूरी अपडेट रखी जाए।

मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि सुरकंडा में बने डॉप्लर रडार को जल्द चालू किया जाए एवं लैंसडौन में लगने वाले डॉप्लर रडार की स्थापना की प्रक्रिया में तेजी लाई जाए। मुक्तेश्वर में बना डॉप्लर रडार चालू हो चुका है।
आपदा प्रबंधन की दृष्टि से दूर-दराज के क्षेत्रों में और क्या प्रयास किए जा सकते हैं, इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। भूकम्परोधी मकान बनाने के लिए राज मिस्रियों के प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रबंधन के दृष्टिगत एयर एम्बुलेंस के लिए केन्द्र सरकार को जल्द प्रस्ताव भेजा जाएगा।
आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि जल्द ही देहरादून में ‘आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास’ विषय पर राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया जाएगा, जिसमें विषय विशेषज्ञ शामिल होंगे।
उन्होंने कहा कि राज्य के सभी विश्वविद्यालयों  में आपदा प्रबंधन से संबधित एक चैप्टर शुरू किया जा रहा है। आपदा प्रबंधन विषय पर छह माह के सर्टिफिकेट कोर्स भी शुरू किए जा रहे हैं।
महिला मंगल दल, युवक मंगल दलों एवं ग्राम प्रहरियों के भी आपदा प्रबंधन से संबधित गढ़वाल एवं कुमाऊं मंडल में सम्मेलन किए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि लेखपालों को मोटर बाइक एम्बुलेंस देने की योजना पर भी कार्ययोजना बनाई जा रही है।
बैठक में सचिव आपदा प्रबंधन एसए मुरूगेशन, सचिव वित्त सौजन्या, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी आपदा प्रबंधन रिद्धिम अग्रवाल, आनन्द श्रीवास्तव एवं वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से जिलाधिकारी उपस्थित रहे।
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Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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