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केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज ने अपनी किसान आईडी बनवाई, किसानों को बताए डिजीटल कृषि मिशन के लाभ

अब तक देश में 5.5 करोड़ से अधिक किसानों की आईडी बन चुकी है, जिसमें मध्य प्रदेश के 78 लाख किसान भी शामिल हैं

विदिशा, 14 अप्रैल, 2025ः केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार 14 अप्रैल 2025 को विदिशा , मध्य प्रदेश में  डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन के तहत अपनी किसान आईडी (Farmer ID) बनवाई। इस अवसर पर उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने डिजिटल कृषि मिशन की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य किसानों को डिजिटल रूप से सशक्त आत्मनिर्भर और तकनीक-सक्षम बनाना है।

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों  से एक जगह सारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए किसान आईडी बनवाने की अपील की।

अब तक देश में 5.5 करोड़ से अधिक किसानों की आईडी बन चुकी है, जिसमें मध्य प्रदेश के 78 लाख किसान भी शामिल हैं।

डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन में किसान आईडी का उद्देश्य

  • डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन के अंतर्गत सभी किसानों की एक डिजिटल पहचान होगी। उनको फार्मर आईडी प्रदान की जाएगी।
  • किसानों की खेती संबंधी और सभी जानकारियां एक ही स्थान पर उपलब्ध होंगी। जमीन का रकबा क्या है।
  • उनके परिवार में कौन-कौन सदस्य हैं, उसने कौन सी फसल बोई है।
  • मिट्टी का स्वास्थ्य कैसा है, मिट्टी में कौन-कौन से तत्व हैं यानी सॉइल हेल्थ कार्ड की जानकारी।
  • किसान के पास खेती के अलावा पशुधन या और कोई संपत्ति है, तो उसकी जानकारी भी होगी।

किसान आईडी के लाभ

केंद्रीय कृषि मंत्री चौहान के अनुसार किसान आईडी (Farmer ID) के लाभ इस प्रकार हैं-

  • अभी हर योजना का लाभ लेने के लिए किसान को अलग-अलग जगह कागज की औपचारिकता पूरी करनी होती है। मान लीजिए, फसल में नुकसान हो गया तो उनको बहुत सारा विवरण देना पड़ता था।
  • बैंक से लोन लेना है, तो कई दिन लगते थे कागज बनवाने में। फिर बैंक मैनेजर के पास ले जाने में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। लेकिन, अब फार्मर आईडी में सारी जानकारी एक ही जगह उपलब्ध रहेगी।
  • प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का पैसा सीधे खाते में आएगा, कुछ करने की जरूरत नहीं है।

जानिए, किसानों के लिए कौन -कौन सी योजनाएं चला रही सरकार

  • बैंकों से लोन लेना है पांच मिनट में फार्मर आईडी दिखाने पर सारा विवरण सामने आ जाएगा। बैंक लोन स्वीकृत कर देंगे। कौन सी फसल बोई है, से लेकर सारी जानकारी रहेगी। फसल बीमा का लाभ तत्काल मिल जाएगा और सही व्यक्ति को मिलेगा।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, खेती संबंधी और अन्य योजनाओं का लाभ भी किसानों तक ठीक ढंग से पहुंचे, इसलिए जरूरी है आप फार्मर आईडी बनवाएं। एक जगह सारा विवरण, जिसे कोई इधर-उधर नहीं कर सकता। उन्होंने कहा , कई बार धन्ना की जमीन पन्ना के नाम हो जाती है, पता ही नहीं चलता, अब ये संभव ही नहीं है और ये फार्मर आईडी में जो जानकारी है, वो सब गोपनीय है। किसान चाहेगा तो ही साझा की जाएगी।

उन्होंने कहा, सभी किसान भाइयों से विनम्र आग्रह है, अपील है कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार मिलकर फार्मर आईडी बनाने का अभियान चला रही हैं। आईडी में दी गई जानकारी गोपनीय रहेगी और किसान के चाहने  पर ही साझा की जाएगी।

स्रोतःPIB

Rajesh Pandey

मैं राजेश पांडेय, उत्तराखंड के डोईवाला, देहरादून का निवासी और 1996 से पत्रकारिता का हिस्सा। अमर उजाला, दैनिक जागरण और हिन्दुस्तान जैसे प्रमुख हिन्दी समाचार पत्रों में 20 वर्षों तक रिपोर्टिंग और एडिटिंग का अनुभव। बच्चों और हर आयु वर्ग के लिए 100 से अधिक कहानियां और कविताएं लिखीं। स्कूलों और संस्थाओं में बच्चों को कहानियां सुनाना और उनसे संवाद करना मेरा जुनून। रुद्रप्रयाग के ‘रेडियो केदार’ के साथ पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाईं और सामुदायिक जागरूकता के लिए काम किया। रेडियो ऋषिकेश के शुरुआती दौर में लगभग छह माह सेवाएं दीं। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम से स्वच्छता का संदेश दिया। बाकी जिंदगी को जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक, एलएलबी संपर्क: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला, देहरादून, उत्तराखंड-248140 ईमेल: rajeshpandeydw@gmail.com फोन: +91 9760097344

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