CAREFeaturedhealthUttarakhand

COVID-19: राज्य में बूस्टर डोज लगाने के लिए कल से कैंप लगाने के निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कोविड-19 पर प्रभावी नियंत्रण के लिए अफसरों की बैठक ली

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कोविड-19 पर प्रभावी नियंत्रण के लिए राज्य में बूस्टर डोज लगवाने का अभियान चलाने के निर्देश दिए।बूस्टर डोज लगवाने के लिए कल से ही कैम्प लगाना शुरू करने तथा सभी जिलों में कंट्रोल रूम सक्रिय करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए।

सचिवालय में हुई बैठक में सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कोविड के जो भी नए मामले आएंगे, उनकी जीनोम सिक्वेंसिंग भी कराई जाए। बूस्टर डोज लगाने के लिए लोगों को प्रेरित किया जाए। इसका विभिन्न माध्यमों से व्यापक स्तर पर प्रचार प्रसार भी किया जाए।

मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को कोविड-19 की नियमित समीक्षा करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि बूस्टर डोज की जितनी आवश्यकता है, शीघ्र केन्द्र सरकार को डिमांड भेजी जाए।

बैठक में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने भी वर्चुअल प्रतिभाग किया। बैठक में मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, डीजीपी अशोक कुमार, सचिव रंजीत सिन्हा, डॉ. आर. राजेश कुमार, विनोद कुमार सुमन, अपर सचिव अमरदीप कौर तथा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

newslive24x7

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन कर रहे हैं। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते हैं। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन करते हैं।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button