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स्वतंत्रता दिवस पर मुख्यमंत्री धामी की घोषणाएं, दसवीं- 12वीं के विद्यार्थियों को निशुल्क मोबाइल टैबलेट

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 75 वें स्वतंत्रता दिवस पर पुलिस लाइन में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में ध्वजारोहण किया। मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता सेनानियों, सैन्य और अर्धसैन्य बलों के जवानों को नमन करते हुए उत्तराखंड राज्य निर्माण के सभी अमर शहीदों और आंदोलनकारियों को भी श्रद्धापूर्वक नमन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री धामी ने कई घोषणाएं कीं।

सुंदर लाल बहुगुणा प्रकृति संरक्षण पुरस्कार

उन्होंने कहा कि विश्व प्रसिद्ध पर्यावरणविद स्वर्गीय सुंदर लाल बहुगुणा जी का प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उनकी स्मृति में दो लाख रुपये राशि का ‘‘सुंदर लाल बहुगुणा प्रकृति संरक्षण पुरस्कार’’ शुरू करने जा रहे हैं।

राज्य भाषा एवं संस्कृति अकादमी की स्थापना

राज्य की स्थानीय संस्कृति और भाषाओं के अध्ययन एवं शोध के लिए राज्य भाषा एवं संस्कृति अकादमी की स्थापना की जाएगी।

राजकीय स्कूलों के 10 और 12 के छात्र-छात्राओं को निशुल्क मोबाइल टैबलेट

ऑनलाइन पढ़ाई को और सुगम बनाने के लिए राज्य के राजकीय स्कूलों के कक्षा 10 और 12 के छात्र-छात्राओं को निशुल्क मोबाइल टैबलेट प्रदान करेंगे। इन मोबाइल टैब में सभी शिक्षण सामग्री पहले से लोड रहेंगी। यही नही कोरोना की तीसरी लहर से बच्चों को बचाने के लिये यह निर्णय लिया है कि बच्चों की इम्युनिटी बढ़ाने वाले खाद्य सामग्री का वितरण किया जाएगा।

बड़े शहरों में ट्रैफिक समस्या के निस्तारण के लिए आउटर रिंग रोड

मुख्यमंत्री ने कहा कि हल्द्वानी, देहरादून, हरिद्वार, रुद्रपुर शहरों की ट्रैफिक समस्या के निराकरण के लिए आउटर रिंग रोड का निर्माण कराया जाएगा।

स्पोर्ट्स कॉलेज, रायपुर को अंतरराष्ट्रीय स्तर का स्पोर्ट्स विश्वविद्यालय बनाने का प्रयास किया जाएगा। प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना  में राज्य के नगरीय  क्षेत्रों में बेघर लोगों के लगभग 25 हजार घर बनाएंगे।

पर्वतीय क्षेत्रों में वेरिफिकेशन ड्राइव

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पलायन और भूमि की अनाधिकृत खरीद-फरोख्त के सम्बन्ध में जनता चिंता प्रकट कर रही है। सरकार पर्वतीय क्षेत्रों में वेरिफिकेशन ड्राइव शुरू करने जा रही है। इसके माध्यम से सुनिश्चित करेंगे कि पहाड़ की संस्कृति एवं सामाजिक परिवेश को सुरक्षित रखा जा सके।

हिम प्रहरी योजना, भू कानून पर उच्च स्तरीय समिति

पलायन की समस्या की रोकथाम के लिए शीघ्र ही उत्तराखंड के नौजवानों एवं पूर्व सैनिकों की सहायता से केन्द्र सरकार के साथ मिलकर हिम प्रहरी योजना लागू करेंगे। भू-कानून को लेकर जो आशंकाएं व्यक्त की गई हैं, उन पर समग्र रूप से विचार के लिए उच्चस्तरीय समिति का गठन किया जाएगा, जो एक ओर उत्तराखंड की भूमि के संरक्षण का ध्यान रखेगी, वहीं दूसरी ओर रोजगार एवं निवेश संबंधी विषयों का भी ध्यान रखेगी।

देवस्थानम बोर्ड पर तीर्थपुरोहितों के अधिकारों एवं जनभावनाओं का ध्यान

मुख्यमंत्री ने कहा कि देवस्थानम बोर्ड को लेकर समय-समय पर चिंता व्यक्त की गई है। हमारी सरकार तीर्थपुरोहितों के अधिकारों तथा जनभावनाओं का हमेशा ध्यान रखेगी। प्रदेश के वरिष्ठ नेता मनोहरकांत ध्यानी से इस विषय पर आग्रह किया गया है कि देवस्थानम बोर्ड के बारे में सभी वर्गों से राय लेकर रिपोर्ट प्रस्तुत करें, ताकि जनभावनाओं के अनुरूप निर्णय लिया जा सके।

जनसंख्या नियंत्रण के लिए प्रभावी कानून हेतु उच्च स्तरीय समिति

मुख्यमंत्री ने कहा कि सम्पूर्ण विश्व पर्यावरण और क्लाइमेट चेंज की चुनौती के प्रति अत्यंत संवेदनशील है। जनसंख्या वृद्धि इस समस्या को और अधिक बढ़ा रही है। सरकार जनसंख्या नियंत्रण के लिए उच्चस्तरीय समिति का गठन कर प्रभावी कानून लागू करने की दिशा में ठोस कदम उठाएगी।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि नरेंद्र सिंह नेगी ने हमारी लोक संस्कृति और सामाजिक सरोकारों को अपने गीत-संगीत के माध्यम से देश दुनिया तक पहुंचाने का काम किया है। नरेंद्र सिंह नेगी को पद्म पुरस्कार की संस्तुति कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा और पौड़ी को परस्पर रेलमार्ग से जोड़ने की सम्भावना तलाशी जाएगी।

युवाओं को रोजगार के लिए राज्य सरकार कृतसंकल्प

विभिन्न विभागों में लगभग 22 से 24 हजार रिक्त पदों और बैकलॉग की रिक्तियों पर भर्ती करने का निर्णय लिया है। सिर्फ सरकारी नौकरी ही नहीं, हम युवाओं को स्वरोजगार के लिए भी प्रेरित कर रहे हैं।

हमारे युवा साथी रोजगार मांगने वाले के स्थान पर रोजगार देने वाले बनें। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना और मुख्यमंत्री स्वरोजगार नैनो उद्यम योजना भी प्रारम्भ की गई है।

युवाओं के हित में लिए महत्वपूर्ण निर्णय

अतिथि शिक्षकों का वेतन 15 हजार से बढ़ाकर 25 हजार रुपये करने का निर्णय लिया है। राज्य के मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस इन्टर्न के स्टाइपेंड को 7500 रुपये से बढ़ाकर 17 हजार रुपये प्रतिमाह किया है।

संघ लोक सेवा आयोग, पीसीएस, एनडीए, सीडीएस और उसके समकक्ष प्रतियोगी परीक्षाओं में लिखित परीक्षा पास करने पर परिवार की आर्थिक स्थिति के आधार पर अभ्यर्थी को साक्षात्कार की तैयारी के लिये 50 हजार रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी।

सैनिकों का किया सम्मान

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में लगभग प्रत्येक परिवार का कोई न कोई सदस्य देश की रक्षा के लिए सैन्य अथवा अर्द्धसैन्य बलों में तैनात रहता है। शहीद सैनिकों के परिवार के एक सदस्य को उनकी योग्यता अनुसार सरकारी नौकरी देने का प्राविधान किया गया है।

विशिष्ट सेवा पदक से अलंकृत सैनिकों को अनुमन्य राशि में कई गुना बढ़ोतरी की गई है। उत्तराखंड से द्वितीय विश्व युद्ध की वीरांगनाओं एवं पूर्व सैनिकों को प्रतिमाह दी जाने वाली पेंशन को 8 हजार रुपये से बढ़ाकर 10 हजार रुपये करने का भी निर्णय लिया गया है।

कोविड प्रभावितों को राहत के लिए दिए पैकेज

कोरोना की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई हैं। सभी जिला अस्पतालों, सीएचसी, पीएचसी में पर्याप्त संख्या में ऑक्सीजन, आईसीयू, वेंटिलेटर, जरूरी दवाइयों के साथ ही बच्चों के अलग से वार्ड की व्यवस्था की गई है।

सबको मुफ्त कोविड वैक्सीनेशन अभियान में उत्तराखंड देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है। अगले चार माह में प्रदेश में शत प्रतिशत वैक्सीनेशन कर दिया जाएगा। विपरीत परिस्थितियों के बावजूद हमने कोविड से प्रभावित लोगों को जितना सम्भव हो सकता है, राहत पहुंचाने की कोशिश की है।

प्रदेश में कोविड-19 से प्रभावित पर्यटन एवं परिवहन के क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए लगभग 200 करोड़ रुपये का पैकेज दे रहे हैं। इससे लगभग 01 लाख 64 हजार लोग लाभान्वित होंगे।

स्वास्थ्यकर्मियों को प्रोत्साहन देने और स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार करने के लिए 205 करोड़ रुपये का पैकेज दे रहे हैं। कोविड प्रभाव को देखते हुए लोक सेवा आयोग की परिधि के अंतर्गत एवं लोक सेवा आयोग की परिधि से बाहर समूह-ग के पदों पर चयन में अभ्यर्थियों को अधिकतम आयु सीमा में एक वर्ष की छूट दी गई है।

किसान कल्याण

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के किसानों की आय को दोगुना करने का संकल्प लिया है। उत्तराखण्ड इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। सुगंधित और औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा देने पर सरकार कार्य कर रही है।

प्रदेश में लगभग 650 खाद्य प्रसंस्करण केन्द्र हैं, जिनकी संख्या को बढ़ाने पर भी कार्य किया जा रहा है। बागवानी को बढ़ावा देने के लिए सरकार विभिन्न योजनाओं में अनुदान दे रही है।

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से अब तक प्रदेश के लगभग नौ लाख किसानों को लाभान्वित किया गया है। दीन दयाल उपाध्याय सहकारिता योजना के अन्तर्गत किसानों को तीन लाख रुपये और महिला स्वयं सहायता समूहों को पांच लाख रुपये तक का ऋण बिना ब्याज के उपलब्ध कराया जा रहा है। सौर ऊर्जा और पिरूल ऊर्जा नीति, ग्रामीण युवाओं की आजीविका में सहायक हो रही है। उन्होंने चयनित किसानों को सम्पत्ति कार्ड भी वितरित किए।

होमस्टे से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिल रही मजबूती

पर्यटन का क्षेत्र भी एक ऐसा क्षेत्र है, जिसको ग्रामीणों एवं युवाओं की आजीविका से जोड़ने में हमने कामयाबी प्राप्त की है। हमारी होम स्टे योजना से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है। ट्रैकिंग मार्गों पर भी होम स्टे को विशेष प्रोत्साहन दिया जा रहा है। साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इसकी अलग से विंग बनाई गई है।

मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना

प्रधानमंत्री के ’बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान को आगे बढ़ाते हुए हमने मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना की शुरुआत की है। इसके तहत प्रथम दो बालिकाओं के जन्म पर माता और नवजात कन्या शिशु को मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट उपलब्ध कराई जा रही है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अन्तर्गत राज्य के लगभग 63 लाख लोगों को प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किलो राशन मिल रहा है।

अटल आयुष्मान योजना

अटल आयुष्मान योजना में राज्य के सभी परिवारों को 5 लाख रुपये वार्षिक की निशुल्क चिकित्सा सुविधा देने वाला उत्तराखंड, देश का पहला राज्य है। देशभर के 22 हजार से अधिक अस्पताल इसमें सूचीबद्ध हैं।

नई खेल नीति लाई जाएगी

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की बेटी वंदना कटारिया ने महिला हॉकी टीम में शानदार प्रदर्शन करते हुए हम सभी का सर गर्व से ऊंचा किया है। इससे उत्साहित होकर हमने प्रदेश में खेलों को प्रोत्साहित करने के लिये नई खेल नीति लाने का निर्णय लिया है।

देहरादून में खेलो इंडिया स्टेट लेवल सेंटर और स्पोर्ट्स साइंस सेंटर का निर्माण किया जाएगा। उत्तराखंड के सभी 13 जनपदों में न्यूनतम एक सेंटर स्थापित किया जायेगा ।

मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना का सहारा

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड काल में प्रभावित परिवारों के निराश्रित बच्चों को वात्सल्य योजना का सहारा दिया है। ऐसे बच्चों को 21 वर्ष की आयु तक 3000 रुपये प्रति माह दिए जायेंगे। राज्य सरकार इन बच्चों का एक अभिभावक की तरह पूरा संरक्षण करेगी।

सम्मानित किया 

मुख्यमंत्री ने पुलिस के अधिकारियों एवं कर्मचारियों, खिलाड़ियों, पर्वतारोहियों, चिकित्सकों, पर्यावरण मित्रों एवं विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारियों को सम्मानित किया।

मुख्यमंत्री ने पुलिस उप निरीक्षक निशांत कुमार, कृष्ण चन्द्र भट्ट, उमेश कुमार, मुख्य आरक्षी राधे बल्लभ राणा, सुनील तोमर, भगवती प्रसाद, पुलिस उपाधीक्षक राजन सिंह रौतेला, अंशुल मिश्रा को पुरस्कृत किया।

मुख्यमंत्री ने उत्कृष्ट कार्यों के लिए पर्वतारोहण के क्षेत्र में कर्नल आईएस थापा, कर्नल अमित बिष्ट, हवलदार अनिल कुमार, नायक चन्द्र सिंह नेगी को पुरस्कृत किया।

खेल के क्षेत्र में हॉकी में वन्दना कटारिया, फुटबॉल में अनिरुद्ध थापा, बॉक्सिंग में निवेदिता कार्की एवं उप क्रीड़ाधिकारी द्रोणाचार्य पुरस्कार प्राप्त प्रशिक्षक केजेएस कलसी को सम्मानित किया।

कोविड काल में सराहनीय कार्यों के लिए निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य डॉ. एसके गुप्ता, प्रभारी निदेशक डॉ. सरोज नैथानी, सहायक निदेशक/ राज्य प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. कुलदीप मार्तोलिया, संयुक्त निदेशक डॉ. हरीश चन्द्र मार्तोलिया को सम्मानित किया गया।

कोविड काल में सराहनीय कार्य के लिए पर्यावरण मित्र सोनू पाल, मनोज, रमन एवं रवि को पुरस्कृत किया गया।

मुख्यमंत्री ने कोविड काल की द्वितीय लहर के दौरान सराहनीय योगदान देने के लिए सिविल डिफेंस, श्री राधा स्वामी सत्संग, देहरादून, संत निरंकारी मिशन मसूरी, दून व्यापार मण्डल से रवि आनन्द, वाणा फाउंडेशन से बीर सिंह, रामकृष्ण मिशन सोसायटी देहरादून एवं लिंडे इंडिया सेलाकुई को भी पुरस्कृत किया।

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Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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