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मुख्यमंत्री ने कोरोना से निपटने के लिए उद्योगपतियों से बात की

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने राज्य में कोविड के खिलाफ लड़ाई में उद्योगों से सहयोग लेने के लिए देश के जाने माने उद्योगपतियों अडाणी ग्रुप के गौतम अडाणी और आदित्य बिड़ला ग्रुप के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला से बात की।
मुख्यमंत्री ने उद्योगपतियों को उत्तराखंड की विषम भौगोलिक परिस्थितियों और कोविड 19 संक्रमण के तेज़ी से बढ़ते प्रभाव की जानकारी दी।
मुख्यमंत्री रावत ने सीएसआर के तहत कोविड से संबंधित मेडिकल इक्विपमेंट देने का अनुरोध किया। दोनों उद्योगपतियों ने मुख्यमंत्री को हर सम्भव सहयोग के प्रति आश्वस्त किया।
महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महेंद्रा और पेटीएम के विजय शेखर शर्मा के साथ वर्चुअल मीटिंग में मुख्यमंत्री ने सहायता मेडिकल उपकरणों के रूप में दिए जाने की अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि सीधे आवश्यक मेडिकल इक्विपमेंट देने से राज्य सरकार को सरकारी औपचारिकताएं नहीं करनी पड़ेंगी और अनावश्यक विलम्ब नहीं होगा।
उद्योगपति आनंद महिंद्रा से वार्ता में मुख्यमंत्री ने 1000 ऑक्सीजन सिलेंडर, 1000 ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेटर्स, एमआरई मशीन, 10 मेडिकल ऑक्सीजन जेनरेटर ( छोटा ऑक्सीज़न प्लांट),  500 बीआइपीएपी, 500 सीपीएपी, मॉनिटर सहित करोना संक्रमण से बचाव के अन्य उपकरण उपलब्ध कराने का आग्रह किया। उद्योगपति महिंद्रा ने हर संभव सहयोग देने के लिए मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया।
एक अन्य वर्चुअल मीटिंग में पेटीएम के सीईओ विजय शेखर शर्मा को मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने राज्य की आवश्यकताओं से अवगत कराया। पेटीएम के सीईओ ने 100 आक्सीजन कन्सन्ट्रेटर्स उत्तराखंड को शीघ्र उपलब्ध कराने की बात कही।
 मुख्यमंत्री ने श्री आनंद महिंद्रा और श्री विजय शेखर शर्मा का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सभी के सहयोग से कोविड से लड़ाई में अवश्य जीत हासिल करेंगे।

Key words:- Industrialist Anand Mahindra, Oxygen Cylinders, Oxygen Concentrators, Medical Oxygen Generators, Small Oxygen Plant, Corona infection.  Paytm CEO Vijay Shekhar Sharma,Chief Minister Tirath Singh Rawat, COVID-19, Corona

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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