ElectionFeaturedUttarakhand

उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और आठ कैबिनेट मंत्रियों ने शपथ ली

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई प्रदेश के सीएम और भाजपा के वरिष्ठ नेता समारोह में शामिल हुए

देहरादून। उत्तराखंड में पुष्कर सिंह धामी और उनकी कैबिनेट ने पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। धामी की कैबिनेट में नये चेहरों पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, सौरभ बहुगुणा, चंदन राम दास को शामिल किया गया है।  पूर्व की कैबिनेट में शामिल रहे सतपाल महाराज, गणेश जोशी, रेखा आर्य, सुबोध उनियाल व डॉ. धन सिंह रावत ने मंत्री पद की शपथ ली। वहीं, पहले के मंत्रियों अरविंद पांडेय, विशन सिंह चुफाल और बंशीधर भगत को कैबिनेट में जगह नहीं मिली।

देहरादून स्थित परेड ग्राउंड में मुख्यमंत्री धामी और उनकी कैबिनेट को राज्यपाल ले.जनरल गुरमीत सिंह ने शपथ दिलाई। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, नितिन गड़करी, प्रह्लाद जोशी, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान, हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर सहित कई प्रदेशों के मुख्यमंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता शामिल हुए।

 

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button