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धोखाधड़ी से बचें, कहीं आपके पास तो नहीं आ रहे ऐसे फोन

ट्राई ने दूरसंचार ग्राहकों को आगाह किया, साइबर अपराध हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल कर सकते हैं

नई दिल्ली। फोन करके धोखाधड़ी करने वालों ने लोगों को ठगने का एक और तरीका निकाला है। धोखाधड़ी करने वालों द्वारा लोगों को फोन करके बताया जा रहा है कि उनके फोन का उपयोग लोगों को अनचाहे संदेश भेजने, अवैध गतिविधियों के लिए किया जा रहा है। इसलिए उनका फोन बंद कर दिया जाएगा।
धोखाधड़ी करने वालों द्वारा लोगों से कहा जा रहा है कि उन्होंने मोबाइल सिम लेने के समय, जो आधार नंबर दिया था, उसका उपयोग अवैध गतिविधियों में किया जा रहा है। यदि वो अपने मोबाइल नंबर को बंद कराने से बचाना चाहते हैं तो स्काइप वीडियो कॉल पर आएं।
पीआईबी द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में बताया गया कि, भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के संज्ञान में यह जानकारी लाई गई है कि कुछ कंपनियां/एजेंसियां/व्यक्ति धोखाधड़ी से जनता/ग्राहकों से कह रहे हैं कि वो ट्राई की ओर से कॉल कर रहे हैं और उनके मोबाइल नंबर बंद कर दिए जाएंगे, क्योंकि उनका उपयोग अनचाहे संदेश भेजने के लिए किया जा रहा है।
विज्ञप्ति के अनुसार, इन कंपनियों/एजेंसियों/व्यक्तियों द्वारा यह भी सूचित किया गया है कि जनता के आधार नंबरों का उपयोग सिम कार्ड प्राप्त करने के लिए किया गया था और इसका उपयोग अवैध गतिविधियों के लिए किया जा रहा है। ये कंपनियां/एजेंसियां/व्यक्ति मोबाइल नंबर को बंद होने से बचाने के लिए ग्राहकों/जनता को स्काइप वीडियो कॉल पर आने के लिए बरगलाने की भी कोशिश कर रहे हैं।

आम जनता को सूचित किया जाता है कि ट्राई किसी भी व्यक्तिगत दूरसंचार ग्राहक के किसी भी मोबाइल नंबर को ब्लॉक/डिस्कनेक्ट नहीं करता है। ट्राई कभी भी मोबाइल नंबर बंद करने के लिए कोई संदेश नहीं भेजता या कॉल नहीं करता है। ट्राई ने ऐसी गतिविधियों के लिए ग्राहकों से संपर्क करने के लिए किसी भी एजेंसी को अधिकृत नहीं किया है और ऐसी सभी कॉलें अवैध हैं और उनसे कानून के अनुसार निपटा जाएगा। इसलिए, ट्राई की ओर से होने का दावा करने वाले किसी भी कॉल या संदेश को संभावित धोखाधड़ी माना जाना चाहिए।

ट्राई के टेलीकॉम कमर्शियल कम्यूनिकेशन कस्टमर प्रेफरेंस रेगुलेशन (टीसीसीसीपीआर) 2018 के अनुसार, एक्सेस सेवा प्रदाता अवांछित संवाद भेजने में शामिल मोबाइल नंबरों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने के लिए जिम्मेदार हैं। प्रभावित व्यक्ति मामले को संबद्ध सेवा प्रदाताओं के साथ उनके संबंधित ग्राहक सेवा केंद्र नंबर पर सीधे उठा सकते हैं या इस बारे में राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल https://cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं या साइबर अपराध हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल कर सकते हैं।

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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