जीवन में काम आएंगी रावण की ये तीन बातें
हर दशहरे पर रावण को बुरे कर्मों के लिए याद करते हैं, लेकिन शायद हम यह भूल जाते हैं कि रावण में कुछ अच्छाइयां भी थीं, जिसकी सीख हमें लेनी चाहिए। ठीक वैसे जैसे श्रीराम ने लक्ष्मण को रावण से ज्ञान लेने के लिए कहा था। मरने से पहले लक्ष्मण को जीवन की तीन सबसे बड़ी सीख दे गया था रावण।
रावण के प्रतीक उसके पुतले को जलाने के पीछे बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाने और रावण रूपी बुराई को जड़ से खत्म करने के संदेश को देने की मंशा होती है। रामायण के अनुसार जब रावण अपने अंतिम समय में था, तो भगवान श्री राम ने लक्ष्मण को अपने पास बुलाया। श्री राम ने लक्ष्मण से कहा कि रावण नीति, राजनीति और शक्ति का महान ज्ञाता है। ऐसे समय में जब वह संसार से विदा ले रहा है, तुम उसके पास जाकर जीवन की कुछ शिक्षा हासिल करो। श्री राम की बात मानकर जब लक्ष्मण रावण के पास गए, तो रावण ने उन्हें तीन बातें बताईं।
शुभस्य शीघ्रम : रावण ने लक्ष्मण को शिक्षा दी कि शुभ कार्य करने में कभी देरी नहीं करनी चाहिए। जैसे ही किसी शुभ कार्य का चिंतन हो या मन में विचार आए उसे तुरंत कर ड़ालना चाहिए। इसके अलावा अशुभ को जितना टाल सकते हो उसे टाल दो। पढ़ें- शुभ काम से पहले करें ये काम
शत्रु छोटा नहीं: लक्ष्मण को रावण ने जो दूसरी सीख दी वह यह थी कि कभी भी अपने प्रतिद्वंद्वी या शत्रु को खुद से छोटा या कमतर नहीं समझना चाहिए। रावण ने स्वीकार किया कि यह उसकी सबसे बड़ी भूल थी1 रावण ने वानर और भालू सेना को कमतर आंका और अपना सब कुछ नष्ट कर बैठा। पढ़ें- अपने मन से ही रत्न धारण न करें
रहस्य न बताओ : महाज्ञानी रावण ने लक्ष्मण को तीसरा ज्ञान यह दिया कि अपने रहस्य कभी किसी को नहीं बताने चाहिए। रावण ने लक्ष्मण से कहा कि मेरे मृत्यु से जुड़ा रहस्य यदि में किसी को नहीं बताता तो आज मेरी मृत्यु नहीं होती लेकिन मैंने यह रहस्य अपने भाई को भरोसा कर बताया जिसके कारण आज में मृत्यु शैया पर पड़ा हूं। पढ़ें- ये वस्तुएं न रखें अपने पास