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जानिए, किस राशि के भाई को कौन सी राखी बांधे

अगर रक्षाबंधन पर राशि के अनुसार राखी बांधी जाए तो वह और भी कल्याणकारी होती है। किस राशि के लिए कैसे राखी बांधे वह इस प्रकार है- मेष राशि के भाई को बहनें मालपुए खिलाएं और लाल डोरी से बनी राखी बांधें। वृषभ राशि के भाई को दूध से बनी हुई मिठाई खिलाएं एवं सफेद रेशमी डोरी वाली राखी बांधें। मिथुन राशि के भाई को बेसन से निर्मित मिठाई खिलाएं और हरी डोरी वाली राखी बांधें। कर्क राशि के भाई को रबड़ी खिलाएं एवं पीली रेशम वाली राखी बांधें। सिंह राशि वाले भाई को रस वाली मिठाई खिलाएं एवं पंचरंगी डोरे वाली राखी बांधें। कन्या राशि के भाई को मोतीचूर के लड्डू खिलाएं एवं गणेशजी के प्रतीक वाली राखी बांधें। तुला राशि के भाई को हलवा या घर में निर्मित मिठाई खिलाएं एवं रेशमी हल्के पीले डोरे वाली राखी बांधें। वृश्चिक राशि के भाई को गुड़ से बनी मिठाई खिलाएं एवं गुलाबी डोरे वाली राखी बांधें। धनु राशि के भाई को रसगुल्ले खिलाएं एवं पीली व सफेद डोरी से बनी राखी बांधें। मकर राशि के भाई को बालूशाही खिलाएं एवं मिलेजुले धागे वाली राखी बांधें। कुंभ राशि के भाई को को कलाकंद खिलाएं एवं नीले रंग से सजी राखी बांधें। मीन राशि के भाई को मिल्क केक खिलाएं एवं पीले-नीले जरी की राखी बांधें।

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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