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आज अंडा दिवस पर पढ़िए अफ्रीकी लोककथा “बोलने वाला अंडा “

अक्तूबर माह के दूसरे शुक्रवार  को विश्व अंडा दिवस मनाया जाता है

न्यूज लाइव ब्लॉग

अक्तूबर माह के दूसरे शुक्रवार  को विश्व अंडा दिवस मनाया जाता है। भोजन में अंडे से मिलने वाले फायदों के बारे में तो आप जानते ही हैं। यह दिन अंडा उद्योग को बढ़ावा देने और अंडे के पोषण संबंधी लाभों के बारे में जागरूकता के लिए मनाया जाता है। विश्व अंडा दिवस पहली बार 1996 में अंतर्राष्ट्रीय अंडा आयोग (आईईसी) ने मनाया था, और तब से यह दुनियाभर में मनाया जा रहा है।

इस वर्ष विश्व अंडा दिवस की थीम “स्वस्थ भविष्य के लिए अंडे” है। अंडा पशु से मिलने वाले प्रोटीन में से एक है। उच्च गुणवत्ता वाले प्रोटीन, आवश्यक विटामिन और खनिजों से भरपूर अंडे, दुनिया में सबसे आसान और नाश्ते में शामिल होने वाला सबसे अद्भुत खाद्य पदार्थ है।

अंडे की बात हो रही है तो इस पर एक अफ्रीकी लोककथा है।

अफ्रीकी लोक कथा “द टॉकिंग एग” यानी बोलने वाला अंडा अफ्रीकी अमेरिकी समुदायों में पीढ़ियों से चली आ रही है। यह लोक कथा ब्लैंच नाम की एक दयालु और बुद्धिमान लड़की और एक जादुई अंडे के बारे में बताती है। जादुई अंडा बातें कर सकता था।

एक बार की बात है, हरी-भरी घाटी में बसे एक छोटे से गाँव में, ब्लैंच नाम की एक लड़की रहती थी। ब्लैंच पूरे गाँव में अपनी दयालुता, अपनी बुद्धिमत्ता और अपनी दादी के प्रति अटूट प्रेम के लिए जानी जाती थी, जिनकी वह खूब देखभाल करती थी।

ब्लैंच की दादी उम्रदराज़ और कमज़ोर हो गई थीं, और जैसे-जैसे साल बीतते गए, वह बिस्तर पर रहने लगीं और छोटे-मोटे काम भी करने में असमर्थ हो गईं। ब्लैंच आसपास के जंगल और खेतों से भोजन और दवाएँ इकट्ठा करके अपनी दादी की देखभाल करती थी।

एक दिन, जब वह घने जंगल में भटक रही थी, ब्लैंच को एक अजीब दृश्य दिखाई दिया। उसने पत्तों और टहनियों के बीच एक बड़ा, चमकता हुआ अंडा देखा। ऐसा अंडा उसने अभी तक नहीं देखा था, यह रोशनी से चमक रहा था। जैसे ही वह अंडे के पास पहुंची, वह उसमें से निकलने वाली धीमी और मधुर आवाज सुनकर आश्चर्यचकित रह गई।

“प्यारे बच्चे, डरो मत,” अंडा बोला। “मैं एक जादुई अंडा हूं, और मैं आपके जैसे शुद्ध हृदय वाले किसी व्यक्ति का इंतजार कर रहा था।”

अंडे की बात सुनकर ब्लैंच आश्चर्यचकित रह गई, लेकिन उसे बिल्कुल भी डर नहीं लगा। उसने अंडे को हाथों में पकड़ लिया। अंडे ने कहा, “मुझमें आपकी तीन इच्छाएं पूरी करने की शक्ति है, लेकिन मैं केवल उन्हीं की मदद कर सकता हूं जो दयालु और बुद्धिमान हैं।”

ब्लैंच ने अपनी इच्छाओं के बारे में ध्यान से सोचा। वह जानती थी कि उसकी दादी का स्वास्थ्य बिगड़ रहा है, और वह चाहती थी कि वह ठीक हो जाए। अंडे ने उसकी पहली इच्छा पूरी कर दी और तुरंत, उसकी दादी की बीमारी कम होने लगी। दादी की ताकत वापस आ गई, और उनकी आँखें खुशी से चमक उठीं।

ब्लैंच की दूसरी इच्छा थी कि गांव वालों को भरपूर फसल मिले, ताकि कोई भूखा न सोए। अंडे ने यह इच्छा भी पूरी कर दी, और अगले सीज़न में बहुत मात्रा में फसलें हुईं, जिससे गाँव समृद्ध हो गया।

अपनी तीसरी और अंतिम इच्छा के लिए, ब्लैंच ने कहा, अंडे में जो भी कोई प्राणी है, वह बाहर आ जाए। अंडा एक सुंदर पक्षी में बदल गया, और वह ब्लैंच को उसकी दयालुता के लिए धन्यवाद देते हुए खुशियों वाला गीत गाते हुए आकाश में उड़ गया।

ब्लैंच अपनी दादी के पास लौट आई, जो अब स्वस्थ और खुश थीं। उसने बोलने वाले अंडे और उसकी तीन इच्छाओं की कहानी साझा की। ग्रामीणों ने अपनी खुशहाली और ब्लैंच की बुद्धिमत्ता का जश्न मनाया।

ब्लैंच की दयालुता और बुद्धिमत्ता उसके आस-पास के लोगों को प्रेरित करती रही, और उसने एक लंबा और पूर्ण जीवन जीया, हमेशा जादुई बात करने वाले अंडे की स्मृति को संजोकर रखा।

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Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए सौ से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344

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