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महिलाएं समाज की मार्ग दर्शक के साथ ही प्रेरणा का स्रोत भीः मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि महिला शक्ति राष्ट्र शक्ति है, अनादिकाल से महिलाओं की शक्ति के रूप में पूजा व अर्चना की जाती रही है, महिलाएं समाज की मार्ग दर्शक के साथ ही प्रेरणा का स्रोत भी हैं।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि 8 मार्च दुनिया का इतिहास मे बेहद खास दिन है। यह दिन दुनिया की आधी आबादी के नाम समर्पित है। यह दिन समाज के उस बड़े हिस्से के लिए महत्वपूर्ण है जिसके बिना संसार की कल्पना अधूरी रह जाती है। उन्होंने कहा कि नारी को हमारे शास्त्रों मे देवतुल्य स्थान मिला है। इसलिए कहा गया है कि यत्र नार्यस्तु पूज्यंते, रमंते तत्र देवता यानि जहां नारियों की पूजा होती है, वहां देवताओ का वास होता है।

उन्होंने कहा कि महिला उत्थान के लिए हमें भी कुछ रूढियों असमानताओं और अन्ध विश्वासों का विनाश करना होगा। हमें महिलाओ के बेहतर भविष्य के लिए उनका वर्तमान संवारना होगा, इसलिए बेटियों की सुरक्षा, शिक्षा, समृद्वि और सशक्तिकरण के लिए हमें अभी से कदम उठाने होगे। उन्होंने कहा कि हमारा प्रदेश तीलू रौतेली, रामी बौराणी, गौरा देवी का प्रदेश है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि हमारी सरकार महिला सशक्तिकरण के लिए कृत संकल्प है। उन्होंने कहा कि हाल ही में सरकार ने महिलाओं को पति की पैतृक संपत्ति में सह खातेदार का अधिकार दिया है। इससे महिलाओं को स्वरोजगार के लिए बैंक से लोन मिल सकेगा और वे स्वावलंबी बन सकेंगी।

उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण के लिए हमें महिलाओं को समान अधिकार और समान अवसर देने होंगे। हमारी सरकार द्वारा महिलाओं को आर्थिक, मानसिक के साथ ही शारीरिक दृष्टि से भी सशक्त बनाया जा रहा है। उनके सम्मान में कोई कसर बाकी नहीं रखी जाएगी। बहनों को सशक्त करने के लिए हम महिला स्वयं सहायता समूहों को 5 लाख रुपये तक का ऋण बिना ब्याज के उपलब्ध करा रहे हैं।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि महिलाओं के कल्याण के लिए मुख्यमंत्री घस्यारी योजना लाई जा रही है। जिसमें महिलाओं को अब जंगल से सिर पर गठरी लाने से छुटकारा मिल जाएगा। उन्होंने कहा कि इस योजना से महिलाओं के आर्थिक व सामजिक स्तर में सुधार आएगा। घस्यारी योजना न सिर्फ मातृशक्ति के सिर से घास का बोझ हटाने में कामयाब होगी बल्कि इससे जंगल जाते वक्त महिलाओं के साथ होने वाली दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी।

इस तरह से यह योजना महिला सुरक्षा की दृष्टि से भी अहम साबित होगी। उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में महिलाओ का जीवन काफी कठिन एवं सघर्षशील है। जो वक्त घास लाने में लगता था, महिलाएं उस वक्त का सदुपयोग अपनी आय बढ़ाने के अन्य कार्यों में लगा सकती हैं। इस तरह घस्यारी कल्याण योजना महिला सुरक्षा के साथ-साथ महिला सशक्तीकरण की राह भी प्रशस्त करेगी।

Rajesh Pandey

मैं राजेश पांडेय, उत्तराखंड के डोईवाला, देहरादून का निवासी और 1996 से पत्रकारिता का हिस्सा। अमर उजाला, दैनिक जागरण और हिन्दुस्तान जैसे प्रमुख हिन्दी समाचार पत्रों में 20 वर्षों तक रिपोर्टिंग और एडिटिंग का अनुभव। बच्चों और हर आयु वर्ग के लिए 100 से अधिक कहानियां और कविताएं लिखीं। स्कूलों और संस्थाओं में बच्चों को कहानियां सुनाना और उनसे संवाद करना मेरा जुनून। रुद्रप्रयाग के ‘रेडियो केदार’ के साथ पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाईं और सामुदायिक जागरूकता के लिए काम किया। रेडियो ऋषिकेश के शुरुआती दौर में लगभग छह माह सेवाएं दीं। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम से स्वच्छता का संदेश दिया। बाकी जिंदगी को जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक, एलएलबी संपर्क: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला, देहरादून, उत्तराखंड-248140 ईमेल: rajeshpandeydw@gmail.com फोन: +91 9760097344

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