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05 दिसंबर को मृदा दिवसः मिट्टी में बढ़ रहा खारापन खाद्य सुरक्षा पर खतरा

खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) ने मिट्टी का खारापन बढ़ने को एक ऐसी समस्या बताया है, जिससे वैश्विक ख़ाद्य सुरक्षा के लिए संकट बढ़ रहा है। मिट्टी में खारापन बढ़ने की वजह, जल की अपर्याप्त आपूर्ति और ख़राब गुणवत्ता वाली जल निकासी प्रणालियां तथा अनुपयुक्त जल प्रबन्धन को बताया गया।
यूएन समाचार में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, मृदा (soil) या मिट्टी के खारेपन से तात्पर्य मिट्टी में नमक का अत्यधिक स्तर पाया जाना है, जिससे पौधों और वनस्पति का विकास प्रभावित होता है और यह जीवन के लिए ज़हरीला भी हो सकता है। ऐसा स्वाभाविक वजहों से हो सकता है, जैसे कि मरुस्थलों में जल की कमी और गहन वाष्पीकरण के कारण, या फिर मानवीय गतिविधियां भी मिट्टी में खारेपन की वजह बन सकती हैं।
‘विश्व मृदा दिवस’ (World Soil Day) हर वर्ष 5 दिसम्बर को मनाया जाता है, जिसके ज़रिये स्वस्थ मिट्टी की अहमियत को रेखांकित करने के साथ-साथ मृदा संसाधनों के टिकाऊ इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जाता है।
Salt affected soils are a serious challenge to millions of people and their livelihoods around the 🌎.
Find out why #SoilSalinization is a threat to food security & what we can do about it 👇#WorldSoilDay pic.twitter.com/cgKFChHXEE
— FAO (@FAO) December 3, 2021