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वन्य प्राणी सप्ताह ड्राइंग कंपीटिशन में स्मिथ, आर्यन और अनन्या विजेता

देहरादून। वन्य प्राणी सप्ताह 2023 (एक अक्टूबर से सात अक्टूबर) के अंतर्गत राजाजी टाइगर रिजर्व की रामगढ़ रेंज के कर्मचारियों ने राजकीय प्राथमिक विद्यालय रामगढ़ में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया।

विद्यालय के आसपास के क्षेत्र में लोगों को वनों एवं वन्य जीवों के संरक्षण के प्रति जागरूक करने के लिए रैली निकाली गई। विद्यालय में छात्र-छात्राओं का ड्राइंग कंपीटीशन आयोजित किया गया, जिसमें कक्षा पांच के स्मिथ ने प्रथम, आर्यन ने द्वितीय तथा कक्षा चार की अनन्या ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।

इस अवसर पर वन दारोगा स्वरूप सिंह रमोला ने कहा कि वन तथा वन्य जीवों के प्रति जागरूकता के लिए प्रतिवर्ष 1 अक्टूबर से 7 अक्टूबर तक वन्य प्राणी सप्ताह मनाया जाता है, जिसके अंतर्गत क्षेत्र में जागरूकता रैली, वृक्षारोपण, वन तथा जल स्रोतों की साफ-सफाई और विद्यालयों में ड्राइंग कंपीटीशन इत्यादि विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जाती हैं। उन्होंने कहा, मनुष्य, वन तथा वन्य जीवों के उचित संतुलन से ही एक समृद्ध पारस्थितिकीय तंत्र का निर्माण होता है।

राजकीय प्राथमिक विद्यालय रामगढ़ के प्रधानाध्यापक अरविन्द सोलंकी ने कहा कि वन तथा वन्य जीव हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हैं, हमें इनके प्रति स्नेह का भाव रखना चाहिए।

वन्य जीवों को अगर परेशान ना किया जाए तो वो हमें कोई नुकसान नहीं पहुँचाते हैं। इसी तरह शुद्ध वायु के लिए हमें अपने आसपास के वन क्षेत्र को भी बचाए रखना अति आवश्यक है।

इस अवसर पर वन आरक्षी बृजमोहन सिंह नेगी, अवंतिका सेमवाल, कार्यालय कर्मी बलवंत सिंह, प्राथमिक विद्यालय रामगढ़ की सहायक अध्यापिकाएं रुचि सेमवाल, मीना घिल्डियाल, मधुलिका, भोजनमाताएं लक्ष्मी देवी, विमला देवी, नीलिमा थापा तथा समस्त छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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