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देखें, UKSSSC ने जारी की इस परीक्षा की मेरिट लिस्ट

पशुधन प्रसार अधिकारी एवं अधिदर्शक /प्रदर्शक (रेशम) के पदों की परीक्षा 11 फरवरी 2024 को हुई थी

देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने पशुधन प्रसार अधिकारी एवं अधिदर्शक /प्रदर्शक (रेशम) के पदों पर अभिलेख सत्यापन के लिए औपबन्धिक श्रेष्ठता सूची आयोग की वेबसाइट www.sssc.uk.gov.in पर प्रकाशित की है।

आयोग के अनुसार, इन पदों की लिखित प्रतियोगी परीक्षा 11 फरवरी, 2024 को आयोजित की गई। उक्त लिखित परीक्षा के आधार पर प्रथम उत्तर कुंजी जारी करते हुए अभ्यर्थियों से 16 फरवरी, 2024 तक उत्तर कुंजी के सापेक्ष प्रश्नों / उत्तरों के सम्बन्ध में ऑनलाइन आपत्तियाँ प्राप्त की गईं।

अभ्यर्थियों से प्राप्त आपत्तियों का विषय विशेषज्ञों द्वारा निराकरण करने के बाद संशोधित उत्तर कुंजी (Revised Answer Key) एवं उक्त लिखित परीक्षा के आधार पर पशुधन प्रसार अधिकारी एवं अधिदर्शक / प्रदर्शक (रेशम) के विज्ञापित पदों के संबंध में आयोग के निर्णय के अनुक्रम में रिक्त पदों के सापेक्ष निर्धारित अनुपात में अभिलेख सत्यापन के लिए औपबन्धिक श्रेष्ठता सूची आयोग की वेबसाइट www.sssc.uk.gov.in पर प्रकाशित की है।

आयोग के अनुसार यह औपबन्धिक श्रेष्ठता सूची अंतिम चयन परिणाम नहीं है। अंतिम चयन परिणाम अभ्यर्थियों के ऑनलाइन आवेदन-पत्र में किए गए दावों के अनुसार आयोग कार्यालय में निर्धारित तिथि को अभिलेख सत्यापन के पश्चात् कुल अर्ह अभ्यर्थियों को उनके मेरिट के आधार पर कुल पदों के सापेक्ष घोषित किया जाएगा।

आयोग ने बताया, चयनित अभ्यर्थियों के अभिलेख सत्यापन के लिए निर्धारित तिथि व समय की जानकारी शीघ्र ही आयोग की वेबसाइट के माध्यम से प्रसारित की जाएगी।

अधिक जानकारी के लिए देखें- आयोग की विज्ञप्ति

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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