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Uttarakhand: आयोग ने वन क्षेत्राधिकारी प्री परीक्षा की Answer key वेबसाइट पर जारी की

हरिद्वार। Uttarakhand Public Service Commission ने वन क्षेत्राधिकारी (प्रारंभिक) परीक्षा-2021 की 28 नवंबर 2021 को आयोजित परीक्षा की चारों सीरीज की उत्तर कुंजियां (Answer Key) वेबसाइट पर उपलब्ध करा दी हैं। आयोग का कहना है, अभ्यर्थियों को किसी प्रश्न एवं उत्तर पर कोई आपत्ति है तो वो 21 दिसंबर तक दर्ज करा सकते हैं।

वन क्षेत्राधिकारी प्री परीक्षा की आंसर की देखें- उत्तर कुंजियां (Answer Key)

आयोग की विज्ञप्ति पढ़ने के लिए क्लिक करें- आयोग की विज्ञप्ति

आयोग की विज्ञप्ति के अनुसार, 28 नवम्बर, 2021 को आयोजित वन क्षेत्राधिकारी (प्रारम्भिक) परीक्षा-2021 के वस्तुनिष्ठ प्रकार के प्रश्न पत्र सामान्य अध्ययन एवं सामान्य बुद्धि परीक्षण की चारों सीरीज (A, B, C & D) की उत्तर कुंजियों को उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की वेबसाइट http://www.ukpsc.gov.in पर अभ्यर्थियों के सूचनार्थ प्रसारित कर दिया गया है।

ऑब्जेक्शन करने के लिए दिशा निर्देश पढ़ें-  Online Answer Key Objection करने हेतु दिशा निर्देश

यदि किसी अभ्यर्थी को किसी प्रश्न पत्र की चारों सीरीज के किसी प्रश्न एवं उत्तर विकल्प पर कोई आपत्ति है तो वह आयोग की वेबसाइट पर Online Answer Key Objection के लिए दिए गए लिंक पर जाकर अपनी आपत्तियों को आयोग द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुसार 15 दिसम्बर, 2021 से 21 दिसम्बर, 2021 (समय रात्रि के 23:59:59 बजे तक) तक दर्ज करा सकते हैं। अभ्यर्थी को प्रति प्रश्न आपत्ति के सापेक्ष निर्धारित शुल्क रुपये 50.00 का भुगतान करना होगा।

Objection के लिए क्लिक करें- Online Answer Key Objection करने के लिए लिंक

 

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Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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