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उत्तराखंड पहुंचे राष्ट्रपति ने किया गंगा पूजन

देहरादून। भारी बरसात के चलते राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जौलीग्रांट एअरपोर्ट से सड़क मार्ग से होते हुए हरिद्वार पहुंचे और हरकी पैड़ी पर पूजा अर्चना के बाद चंडीघाट स्थित दिव्य प्रेम सेवा मिशन पहुंचकर एक कार्यक्रम में शामिल हुए। पहले राष्ट्रपति का हेलीकॉप्टर भेल स्टेडियम में उतरना था, लेकिन बरसात की वजह से हेलीकॉप्टर की बजाय राष्ट्रपति वाया रोड हरिद्वार गए। हरिद्वार से भी वाया रोड देहरादून का सफर तय किया।

राज्यपाल डॉ. कृष्ण कांत पाल औऱ मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का स्वागत किया। भारतीय सेना ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को गार्ड ऑफ ऑनर दिया। इस अवसर पर मुख्य सचिव एस.रामास्वामी, पुलिस महानिदेशक अनिल कुमार रतूड़ी, कमान्डेंट आईएमए एसके झा, मेजर जनरल जेएस यादव ने भी राष्ट्रपति का स्वागत किया।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने हरकी पैड़ी पहुंचकर मां गंगा की पूजा अर्चना की। इसके बाद राष्ट्रपति चंडीघाट स्थित दिव्य प्रेम सेवा मिशन के अभिनन्दन समारोह में शामिल हुए। दिव्य प्रेम सेवा मिशन कुष्ठ रोगियों एवं उनके बच्चों की देखभाल तथा इलाज कर रहा है। अभिनन्दन समारोह में राष्ट्रपति ने कहा कि नर सेवा नारायण सेवा है। इस बात को ध्येय बनाकर काम कर रहे तथा राष्ट्र निर्माण को समर्पित दिव्य प्रेम सेवा मिशन की कार्यशैली वास्तव में प्रभावी है, इसलिए बीस वर्षों से इस मिशन से जुड़े हुए हैं।

यह संस्था गरीब असहाय कुष्ठ रोग से पीड़ित लोगों की सेवा के साथ साथ उनके परिवार व बच्चों को साथ में लेकर राष्ट्र निर्माण में जुटी हुई है। राष्ट्रपति ने अधिक बारिश में भी पुलिस, प्रशासन तथा मीडिया की मुस्तैदी की सराहना की।उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति पूर्ण निष्ठा से अपना कार्य करते हैं वे सच्चे राष्ट्र निर्माता होते हैं। राष्ट्रपति ने दिव्य प्रेम सेवा मिशन से जुड़े अपने अनुभव भी साझा किए।

उन्होंने कहा कि अर्बन कल्चर में रहने और पढ़ने वाले बच्चों की तुलना में मिशन में शिक्षा ग्रहण कर रहे बच्चों में संस्कार तथा राष्ट्र भावना अधिक है। इन बच्चों का समर्पण अवश्य ही इनको आगे बढ़ाएगा। इन्हीं के बीच से आगे चलकर कोई बच्चा देश का राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री बनेगा।

हरिद्वार को देवभूमि तथा मां गंगा की स्थली बताते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि भारत देश की वास्तविक पहचान गंगा से है। जिन भागीरथ प्रयासों से गंगा हमारे बीच विद्यमान है, वही भागीरथ प्रयास गंगा की निर्मलता और अविलरता के लिए हमारे द्वारा पुनः किए जाने की जरूरत है। वीडियो- देहरादून में राष्ट्रपति का काफिला

उन्होंने कहा कि गंगा केवल सरकारी प्रयासों से नहीं बल्कि समाज की जागृति से स्वच्छ और निर्मल होगी। उन्होंने उत्तराखंड की विशेषताओं पर कहा कि उत्तराखंड में गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ, बदरीनाथ,ऋषिकेश एवं हरिद्वार बड़ी पवित्र व अध्यात्म की तपस्थली हैं।

हरिद्वार में विश्वस्तर पर अपनी पहचान बनाने वाला कुम्भ मेला, तो वहीं आधुनिक विकास की भूमिका में अपनी पहचान बनाने वाला आईआईटी रुड़की, आईएमए देहरादून, ओएनजीसी के अलावा यहां के व्यक्तियों में गोविन्द बल्लभ पंत, सुन्दर लाल बहुगुणा, नारायण दत्त तिवारी का उत्तराखंड के विकास में विशेष योगदान अविस्मरणीय है।

राज्यपाल डॉ. कृष्णकांत पाल ने कहा कि पतित पावनी गंगा के तट पर स्थित, दिव्य प्रेम सेवा मिशन से आप वर्षों से जुड़े हैं। यह आपके मानवता के प्रति प्रेम व प्राणी मात्र के प्रति सेवा व संवेदना के भाव को प्रदर्शित करता है। राष्ट्र प्रमुख से पूरा राष्ट्र निश्चित रूप से प्रेरणा प्राप्त करेगा। दिव्य सेवा प्रेम मिशन के सेवा कुंज परिसर में संचालित चिकित्सालय में कुष्ठ रोगियों व समाज के अन्य कमजोर तबकों के लोगों की सेवा सुश्रुषा की जा रही है, जो वाकई सराहनीय है।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि दिव्य प्रेम सेवा मिशन के आशीष गौतम के सेवा कार्य का अपना अलग महत्व है। उन्होंने कहा कि इन रोगियों को मिशन की ओर से जो सहायता दी जा रही हैं, वह पूरे समाज के लिए एक उदाहरण है। इस मौके पर आचार्य बालकृष्ण, आशीष गौतम ने राष्ट्रपति और उनकी धर्मपत्नी को गंगाजलि, रूद्राक्ष माला एवं शॉल भेंट किया।

राष्ट्रपति के आगमन को देखते हुए हरिद्वार से लेकर देहरादून तक पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। देहरादून में राष्ट्रपति के काफिले ने रिस्पना की ओर से प्रवेश किया। इस दौरान करीब 20 मिनट पहले ट्रैफिक रोक दिया गया था। आईएसबीटी की ओर से हरिद्वार की ओर जाने वाली बसों को वाया कारगी चौक, दूधली होते हुए डोईवाला की ओर निकाला गया।

देहरादून में शाम करीब सवा सात बजे रिस्पना पुल से होकर राष्ट्रपति के काफिले ने देहरादून में प्रवेश किया। इस दौरान हल्की बारिश हो रही थी। रिस्पना पर बड़ी संख्या में लोग वाहनों का इंतजार कर रहे थे। काफिले के आने से कुछ देर पहले ही पुलिस ने ट्रैफिक रोक दिया था। करीब 15 मिनट इंतजार के बाद ट्रैफिक सामान्य हो गया।

 

 

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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