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देहरादून पुलिस की बड़ी कार्रवाई, पशुओं के कटान में सात गिरफ्तार

सहसपुर और पटेलनगर क्षेत्र में पुलिस ने अलग-अलग जगहों पर की कार्रवाई

देहरादून। दून पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए अवैध रूप से पशुओं को काटने में लिप्त सात लोगों को अलग-अलग थाना क्षेत्रों से गिरफ्तार किया है। पुलिस ने अभियुक्तों के विरुद्ध पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत चार अभियोग दर्ज किए हैं।

पुलिस के अनुसार, थाना सहसपुर के अंतर्गत ग्राम रामपुर में पशुओं का अवैध कटान कर बिना लाइसेंस मांस बेचने के संबंध में शिकायतें मिली थीं। कार्रवाई करते हुए इन मामलों में लिप्त चार लोगों को रामपुर गांव में अलग अलग स्थानों से गिरफ्तार किया गया।

गिरफ्तार व्यक्तियों के कब्जे से पशु काटने के इस्तेमाल किए जाने वाले तीन कुल्हाड़ी, तीन छुरी, 160 किलो भैंस का मांस तथा 17,770 रुपये बरामद किए गए। गिरफ्तार व्यक्तियों में कोसीन निवासी रामपुर कला थाना सहसपुर, जिला देहरादून, असलम निवासी खुजनावर थाना फतेहपुर, जिला सहारनपुर, आरिफ निवासी रामपुर कला थाना सहसपुर जनपद देहरादून, साहिब निवासी रामपुर कला थाना सहसपुर जनपद देहरादून शामिल हैं।

वहीं, कोतवाली पटेलनगर क्षेत्र में अवैध रूप से पशु कटान में लिप्त तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार, सूचना पर मेहूवाला क्षेत्र में नया नगर चौक के पास मीट की दुकान में अवैध रूप से पशुओं का कटान कर रहे तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया। इनके कब्जे से लोहे का चापड़, छुरी, कुल्हाडी तथा भैंस का 16 किलो मांस बरामद हुआ।

गिरफ्तार व्यक्तियों में फुरकान अली , निवासी नयानगर, मेहूवाला माफी, जिला देहरादून, वसीम निवासी गांव बढ़ापुर, तहसील नगीना, जिला बिजनौर, शाबान , निवासी गांव तेलीवाला, तहसील डोईवाला, जिला देहरादून शामिल हैं।

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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