DHARMAFeaturedUttarakhand

श्री हेमकुंट साहिब जी की यात्रा के लिए पंजीकरण अनिवार्य, यहां कराएं रजिस्ट्रेशन

प्रतिदिन पांच हजार यात्री कर सकेंगे श्री हेमकुंट साहिब जी के दर्शन

देहरादून। श्री हेमकुन्ट साहिब जी की यात्रा 22 मई से शुरू होगी। प्रतिदिन पांच हजार श्रद्धालु ही श्री हेमकुन्ट साहिब जी के दर्शन कर सकेंगे। उत्तराखंड सरकार एवं गुरुद्वारा श्री हेमकुन्ट साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट ने विचार-विमर्श के बाद यह निर्णय लिया है।

उत्तराखंड सूचना एवं लोकसंपर्क विभाग के अनुसार, गुरुद्वारा श्री हेमकुन्ट साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के उपाध्यक्ष नरेन्द्रजीत सिंह बिन्द्रा ने बताया कि यात्रा पर प्रस्थान करने से पूर्व आने वाले समस्त श्रद्धालुओं को पंजीकरण करवाना अनिवार्य होगा। यात्री ऑनलाइन पंजीकरण पर्यटन विभाग की वेबसाइट registrationandtouristcare.uk.gov.in अथवा मोबाइल एप्लीकेशन Tourist Care Uttarakhand के माध्यम से कराया जा सकता है

उन्होंने बताया, जो यात्री किसी कारणवश ऑनलाइन पंजीकरण करने में असमर्थ हैं, वो गुरुद्वारा श्री हेमकुन्ट साहिब, लक्ष्मण झूला मार्ग, ऋषिकेश में लगाए गए पंजीकरण केन्द्र पर उपस्थित होकर अपना पंजीकरण करा सकते हैं।

newslive24x7

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन कर रहे हैं। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते हैं। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन करते हैं।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button