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भाजपा में शामिल हुईं महिला कांग्रेस अध्यक्ष सरिता आर्य

2012 में कांग्रेस के टिकट पर नैनीताल की विधायक निर्वाचित हुई थीं सरिता आर्य

देहरादून।  महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष एवं नैनीताल की पूर्व विधायक सरिता आर्य ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली है।  सरिता आर्य को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सदस्यता ग्रहण कराई।

सरिता आर्य ने कुछ दिन पहले ही भाजपा में शामिल होने के साफ संकेत दिए थे। भाजपा नेताओं से मुलाकात की खबरों के बाद उन्होंने शनिवार को कांग्रेस कार्यालय में साफ तौर पर कहा था कि -अभी तो मैं कांग्रेस में हूं, आगे का पता नहीं। उन्होंने कहा था, लोकतंत्र है, हर कोई अपने लिए सोचने को स्वतंत्र है। भाजपा टिकट देगी तो चुनाव लड़ेंगी।  

सरिता आर्य 2012 में कांग्रेस के टिकट पर नैनीताल सीट से विधायक निर्वाचित हुई थीं। उन्होंने भाजपा के हेमचंद्र आर्य को हराया था। 2017 में नैनीताल सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी रहीं सरिता आर्य को भाजपा प्रत्याशी संजीव आर्य ने 7247 वोट हराया था।

संजीव आर्य ने कुछ माह पहले ही अपने पिता यशपाल आर्य के साथ कांग्रेस में वापसी की है। संजीव आर्य को नैनीताल सीट पर कांग्रेस का टिकट मिलने की संभावना जताई जा रही है। सरिता आर्य तभी से कांग्रेस में उपेक्षा होने की बात कह रही थीं। सोमवार को उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक की उपस्थिति में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की है।

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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