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Uttarakhand Election : हरक को लेकर हरीश रावत का बड़ा बयान

हरक सिंह अभी कांग्रेस में शामिल नहीं हुए हैंः हरीश रावत

देहरादून। हरक सिंह रावत के भाजपा से निष्कासन के बाद कांग्रेस में जाने की इच्छा जताने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का बयान आया है। रावत चाहते हैं कि हरक सिंह 2016 में कांग्रेस की सरकार को संकट में डालने की गलती की माफी मांगे।

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पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना है, अगर हरक सिंह रावत अपनी कांग्रेस छोड़ने की गलती मान लेते हैं तो पार्टी में उनका स्वागत है। उन्होंने कि हरक सिंह अभी कांग्रेस पार्टी में शामिल नहीं हुए हैं। कई मुद्दों पर विचार करने के बाद पार्टी कोई निर्णय लेगी।

मालूम हो, भाजपा से निष्कासन के बाद पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा था,  मैं कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में अगर नहीं आया होता तो मैं बीजेपी को चार साल पहले ही छोड़ देता। मुझे कोई मंत्री पद का शौक नहीं है। मैं सिर्फ काम करना चाहता था। मैं अब कांग्रेस पार्टी से बात करूंगा और उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार पूर्ण बहुमत से आने वाली है।

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उन्होंने यह भी कहा था, उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार पूर्ण बहुमत से आने वाली है। मैं अब कांग्रेस से बातचीत करूंगा और मैं कांग्रेस में ही जाऊंगा और किसी पार्टी में नहीं जाऊंगा और बिना शामिल हुए भी मैं कांग्रेस के लिए काम करूंगा।

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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