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इन तीन योजनाओं के सात साल पूरे, रोजाना एक रुपये से भी कम पर दो लाख का सुरक्षा बीमा

18 से 40 वर्ष के सभी नागरिक न्यूनतम 42 रुपये प्रति माह का भुगतान करके पेंशन पा सकते          

नई दिल्ली। तीन सामाजिक सुरक्षा (जन सुरक्षा) योजनाओं- प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई), प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) और अटल पेंशन योजना (एपीवाई) की सातवीं वर्षगांठ मना रहे हैं, आइए इन योजनाओं से जुड़ी कुछ बातों पर ध्यान दें कि कैसे इनसे लोगों को किफायती बीमा और सुरक्षा (जन सुरक्षा) की सुविधा मिल रही है। इन योजनाओं की उपलब्धियां तथा मुख्य विशेषताएं क्या हैं?

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 9 मई, 2015 को कोलकाता, पश्चिम बंगाल से पीएमजेजेबीवाई, पीएमएसबीवाई और एपीवाई को लॉन्च किया था। वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन का कहना है, “आज, गरीब से गरीब व्यक्ति भी पीएमजेजेबीवाई के तहत 2 लाख रुपये का जीवन बीमा कवर प्रति दिन 1 रुपये से कम पर और पीएमएसबीवाई के तहत 2 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा भी प्रति दिन 1 रुपये से कम पर प्राप्त कर सकता है। देश के आयु वर्ग 18 से 40 वर्ष के सभी नागरिक न्यूनतम 42 रुपये प्रति माह का भुगतान करके 60 वर्ष की आयु के बाद पेंशन प्राप्त कर सकते हैं।

1. प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई)

योजना: पीएमजेजेबीवाई एक साल की जीवन बीमा योजना है, जिसका नवीकरण प्रत्येक वर्ष होता है और यह किसी भी कारण से होने वाली मौत के लिए कवरेज प्रदान करती है।

पात्रता: आयु वर्ग 18-50 वर्ष के बचत बैंक या डाकघर के खाताधारक व्यक्ति इस योजना के तहत पंजीकरण के पात्र हैं। 50 वर्ष की आयु से पहले योजना में शामिल होने वाले लोग प्रीमियम का भुगतान करने पर जीवन के जोखिम का कवरेज 55 वर्ष की आयु तक प्राप्त कर सकते हैं।

लाभ: 330 रुपये प्रति वर्ष के प्रीमियम भुगतान पर 2 लाख रुपये का जीवन बीमा कवर, चाहे मृत्यु किसी भी कारण से हुई हो।

पंजीकरण: योजना के तहत पंजीकरण, खाताधारक के बैंक की शाखा / बीसी पॉइंट या वेबसाइट पर जाकर या डाकघर बचत बैंक खाते के सन्दर्भ में डाकघर जाकर किया जा सकता है। योजना के तहत, प्रीमियम का भुगतान ग्राहक द्वारा केवल एक बार दिए गए आदेश के आधार पर बैंक खाते से स्वतः डेबिट द्वारा किया जा सकता है। योजना और प्रपत्रों के बारे में विस्तृत जानकारी (हिंदी, अंग्रेजी और क्षेत्रीय भाषाओं में) https://jansuraksha.gov.in  पर उपलब्ध है।

उपलब्धियां: 27अप्रैल, 2022 तक, योजना के तहत 12.76 करोड़ से अधिक पंजीकरण हुए हैं और कुल 5,76,121 दावों के लिए 11,522 करोड़ रुपये की धनराशि का भुगतान किया गया है।

2. प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई)

योजना: पीएमएसबीवाई एक साल की दुर्घटना बीमा योजना है, जिसका प्रत्येक साल नवीकरण किया जाता है और यह दुर्घटना के कारण हुई मृत्यु या दिव्यांगता के लिए कवरेज प्रदान करता है।

पात्रता: बचत बैंक या डाकघर में खाता रखने वाले आयु वर्ग 18-70 वर्ष के व्यक्ति इस योजना के तहत पंजीकरण के पात्र हैं।

लाभ: दुर्घटना के कारण हुई मृत्यु या दिव्यांगता के लिए 2 लाख रुपये (आंशिक दिव्यांगता के मामले में 1 लाख रुपये) का दुर्घटना मृत्यु सह दिव्यांगता कवर।

पंजीकरण: योजना के तहत पंजीकरण, खाताधारक के बैंक की शाखा / बीसी पॉइंट या वेबसाइट पर जाकर या डाकघर बचत बैंक खाते के सन्दर्भ में डाकघर जाकर किया जा सकता है। योजना के तहत, प्रीमियम का भुगतान ग्राहक द्वारा केवल एक बार दिए गए आदेश के आधार पर बैंक खाते से स्वतः डेबिट द्वारा किया जा सकता है। योजना और प्रपत्रों के बारे में विस्तृत जानकारी (हिंदी, अंग्रेजी और क्षेत्रीय भाषाओं में)  https://jansuraksha.gov.in पर उपलब्ध है।

उपलब्धियां: 27 अप्रैल 2022 तक, योजना के तहत कुल 28.37 करोड़ से अधिक पंजीकरण हुए हैं और कुल 97,227 दावों के लिए 1,930 करोड़ रुपये की धनराशि का भुगतान किया गया है।

अटल पेंशन योजना (एपीवाई)

पृष्ठभूमि: अटल पेंशन योजना (एपीवाई) सभी भारतीयों, विशेष रूप से गरीबों, वंचितों और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए एक सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा प्रणाली के निर्माण के लिए शुरू की गई थी। यह असंगठित क्षेत्र के लोगों के लिए वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने और भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकार की एक पहल है। एपीवाई को राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के समग्र प्रशासनिक और संस्थागत ढांचे के तहत पेंशन कोष नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) द्वारा प्रबंधित किया जाता है।

पात्रता: एपीवाई, आयु वर्ग 18 से 40 वर्ष के सभी बैंक खाताधारकों के लिए खुली है और चुनी गई पेंशन राशि के आधार पर अंशदान की धनराशि अलग-अलग होती है।

लाभ: योजना में शामिल होने के बाद ग्राहक द्वारा दिए गए अंशदान के आधार पर 60 वर्ष की आयु से ग्राहकों को गारंटीशुदा न्यूनतम मासिक पेंशन के रूप में 1000 रुपये या 2000 रुपये या 3000 रुपये या 4000 रुपये या 5000 रुपये मिलते हैं।

योजना के लाभों का वितरण: मासिक पेंशन ग्राहक के लिए उपलब्ध है और उसके बाद उसकी पत्नी या उसके पति को और उन दोनों की मृत्यु के बाद, ग्राहक की 60 वर्ष की आयु में जमा हुई कुल पेंशन राशि, ग्राहक के नामांकित व्यक्ति को वापस कर दी जाएगी।

ग्राहक की समय से पहले मृत्यु (60 वर्ष की आयु से पहले मृत्यु) के मामले में, ग्राहक के पति या पत्नी, शेष अवधि के लिए, ग्राहक के एपीवाई खाते में अंशदान जारी रख सकते हैं, जब तक कि मूल ग्राहक 60 वर्ष की आयु प्राप्त नहीं कर लेता हो।

केंद्र सरकार द्वारा योगदान: न्यूनतम पेंशन की गारंटी सरकार द्वारा दी जाएगी, अर्थात, यदि अंशदान के आधार पर संचित कोष, अपने निवेश पर अनुमानित लाभ (रिटर्न) से कम राशि अर्जित करता है और न्यूनतम गारंटी पेंशन प्रदान करने के लिए अपर्याप्त है, तो केंद्र सरकार ऐसी अपर्याप्तता को निधि प्रदान करेगी। वैकल्पिक रूप से, यदि निवेश पर लाभ (रिटर्न) अधिक है, तो ग्राहकों को बढ़े हुए पेंशन का लाभ प्राप्त होगा।

भुगतान आवृत्ति: ग्राहक मासिक/तिमाही/अर्ध-वार्षिक आधार पर एपीवाई में अंशदान कर सकते हैं।

योजना से बाहर होना: ग्राहक कुछ शर्तों के तहत स्वेच्छा से एपीवाई से बाहर निकल सकते हैं; यथा, सरकारी सह-अंशदान और उस पर रिटर्न/ब्याज की कटौती होने पर।

उपलब्धियां: 27 अप्रैल 2022 तक, 4 करोड़ से अधिक व्यक्तियों ने इस योजना की सदस्यता प्राप्त की है।

  • पीएमजेजेबीवाई: कुल पंजीकरण 12.76 करोड़ से अधिक
  • पीएमएसबीवाई: कुल पंजीकरण 28.37 करोड़ से अधिक
  • एपीवाई: 4 करोड़ से अधिक ग्राहक

 

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राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन कर रहे हैं। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते हैं। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन करते हैं।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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