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गौचर की देवकी भंडारी ने कोरोना से लड़ने के लिए जीवनभर की बचत पीएम कोष में जमा की

देहरादून। पीएम केयर्स फंड और सीएम राहत कोष में सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं, संगठनों के साथ बड़ी संख्या में आम नागरिक भी बढ़ चढ़कर योगदान दे रहे हैं। चमोली जिला के गौचर निवासी बुजुर्ग देवकी भंडारी ने अपने जीवनभर की बचत दस लाख रुपये की एफ़डी तुड़वाकर पीएम केयर्स फंड में जमा कर दी। उधर, मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने ट्वीट करके उनके योगदान के बारे में बताया है।

गौचर निवासी 68 वर्षीय देवकी भंडारी ने बुधवार सुबह गौचर, चमोली के सेंट्रल बैंक पहुंचकर अपने जीवनभर की कमाई दस लाख रुपये की एफडी तोड़ दी। उन्होंने दस लाख रुपये की रकम कोरोना की रोकथाम के लिए प्रधानमंत्री केयर्स फंड में जमा करा दी।

 

वहीं, श्री काशी विश्वनाथ मंदिर उत्तरकाशी के महंत श्री जयेंद्र पुरी ने प्रधानमंत्री राहत कोष में एक लाख रुपये का चेक काशी विश्वनाथ जी के आशीर्वाद के रूप में भेंट किया। उन्होंने उक्त धनराशि का चेक गंगोत्री विधायक गोपाल रावत एवं जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान के माध्यम से प्रधानमंत्री राहत कोष में भेंट किया। महंत जी ने विश्व कल्याण के लिए महामृत्युंजय भगवान विश्वनाथ से प्रार्थना की।

देहरादून में मैडम रजनी रावत ने मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए 11 लाख रुपये का चेक मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को सौंपा। जिला पंचायत देहरादून के उपाध्यक्ष वीर सिंह चौहान ने 25 हजार रुपये मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा कराए। यूजेवीएनएल के परियोजना निदेशक सुरेश चंद्र बलूनी तथा वित्त निदेशक सुधाकर बडोनी ने 51-51 हजार रुपये के चेक मुख्यमंत्री राहत कोष में प्रदान किए। स्वास्थ्य निदेशक डॉ. तृप्ति बहुगुणा ने 51 हजार रुयये का चेक मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा कराया। एसोसिएशन ऑफ फार्मास्युटिकल मैन्युफैक्चरर्स सिडकुल, रानीपुर, हरिद्वार ने भी 7 लाख 51 हजार रुपये का चेक सीएम राहत कोष में दिया।

शाक्य बौद्ध समुदाय ने मुख्यमंत्री राहत कोष में 23 लाख रुपये की राशि प्रदान की। शाक्य बौद्ध समुदाय की ओर से आध्यात्मिक नेता एचएच शाक्यृत्जीन, एचएच रत्ना वज्र शाक्य और एचएच ज्ञान वज्र शाक्य ने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को उक्त राशि के चेक भेंट किए। कुल 23 लाख रुपये की राशि में एचएच शाक्यृत्जीन, एचएच रत्ना वज्र शाक्य और एचएच ज्ञान वज्र शाक्य ने तीन लाख, डोलमा फोड्रांग ने तीन लाख, न्गोर पाल एवाम चोडान ने तीन लाख , शाक्य कालेज ने तीन लाख, द ग्रेट शाक्य मोनलाम फाउंडेशन ने पांच लाख, शाक्य ननरी ने तीन लाख और शाक्य सेंटर ने तीन लाख रुपये का अंशदान किया। मुख्यमंत्री ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई पूरी मानवता की लड़ाई है। सभी के सहयोग और सम्मिलित प्रयासों से इस महामारी पर मानवता की जीत होगी।

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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