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देहरादून के साइबर एक्सपर्ट ने टिक टॉकर फैजल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई

  • अंकुर चंद्रकांत ने नेश नल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई है
  • वरिष्ठ साइबर फोरेंसिक एक्सपर्ट एवं डाटा रिसर्चर अंकुर चंद्रकांत देहरादून जिले के रहने वाले 
देहरादून। वरिष्ठ साइबर एक्सपर्ट अंकुर चंद्रकांत ने टिक टॉकर फैजल सिद्दीकी के खिलाफ नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने शिकायत की कि फैजल ने एक ऐसा वीडियो वायरल किया है, जिससे एसिड अटैक की घटना का बढ़ावा मिलता है। उन्होंने देश में टिकटॉक को बैन करने की मांग भी उठाई। वहीं फैजल सिद्दीकी के एकाउंट पर टिक टॉक ने प्रतिबंध लगा दिया गया है। 
वरिष्ठ साइबर फोरेंसिक एक्सपर्ट एवं डाटा रिसर्चर अंकुर चंद्रकांत देहरादून जिले के रहने वाले हैं। उन्होंने बताया कि फैजल के खिलाफ राष्ट्रीय पोर्टल पर शिकायत की गई। फैजल के टिक टॉक पर 13.4 मिलियन फॉलोअर्स हैं। राष्ट्रीय पोर्टल पर की गई शिकायत का स्नैप शॉट
वायरल वीडियो में वह एक लड़की पर कुछ फेंक रहे हैं, जिसे एसिड बताया जाता है। इसके बाद वीडियो में लड़की का चेहरा झुलसा हुआ दिखाया जाता है। फैजल के इस वीडियो से एसिड अटैक की घटना को बढ़ावा मिलता है।  
साइबर एक्सपर्ट अंकुर चंद्रकांत ने फैजल के इस एक्ट को घृणित करार देते हुए कहा कि इस तरह की गतिविधियों का सख्त विरोध करना चाहिए। उन्होंने फैजल के खिलाफ सख्त कार्रवाई तथा भारत में टिकटॉक को बैन करने की मांग की है। 
उनका कहना कि देश में टिकटॉक को बैन कराने की मांग को लेकर अभियान चलाया जाएगा। चंद्रकांत बताते हैं कि टिकटॉक के रिव्यू 4.8 स्टार से घटकर हुए 1.3 स्टार हो गए हैं। भारत में लोग तेजी से टिकटॉक एप अपने मोबाइल से अनइनस्टॉल कर रहे हैं। 
देशभर में टिकटॉक और फैजल सिद्दीकी के एक्ट का विरोध हो रहा है। सोशल मीडिया पर अनैतिक,समाज विरोधी गतिविधियों का विरोध किया जाना आवश्यक है।

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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