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कृषि उपजों के अच्छे दाम के लिए बेहतर मार्केटिंग की व्यवस्था करें अफसरः सीएम

राज्य में मिलेट्स के उत्पादन को बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जाएः धामी

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में सशक्त उत्तराखण्ड @ 25 के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए कृषि एवं उद्यान के अल्प, मध्य एवं दीर्घकालिक रोडमैप की समीक्षा बैठक ली।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषकों को कृषि एवं उद्यान के क्षेत्र में उत्पादन का अच्छा दाम मिले, इसके लिए बेहतर मार्केटिंग की व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि कृषकों की आय दोगुनी करने के लिए उच्च मूल्य वाली फसलों को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान दिया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में मिलेट्स के उत्पादन को बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जाए, इसकी मांग बहुत तेजी से बढ़ रही है, किसानों की आय को बढ़ाने में मिलेट्स की अहम भूमिका रहेगी।

मुख्यमंत्री ने उद्यान विभाग के रोडमैप की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य में पॉलीहाउस स्थापना के कार्यों में अभियान के तहत कार्य किए जाएं। कैबिनेट ने इसके लिए किसानों को 70 प्रतिशत अनुदान देने का निर्णय लिया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए उत्पादों की ब्रांडिंग, पैकेजिंग और मार्केटिंग पर विशेष ध्यान दिया जाए। कीवी और एप्पल मिशन के तहत तेजी से कार्य किया जाए। मौन पालन के क्षेत्र में राज्य में अनेक संभावनाएं हैं।

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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