
ऋषिकेश। 17 जनवरी, 2025
स्वास्थ्य क्षेत्र में स्मार्ट ई हेल्थ और ई लर्निंग प्रोग्राम (Smart e-Health and e-Learning programs in the health sector) को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित कार्यशाला में चिकित्सा विशेषज्ञों ने साइबर सिक्योरिटी और इन्फोरमेशन सिक्योरिटी (Cyber Security and Information Security) के बारे में व्यापक जानकारी दी। बताया गया कि डिजिटलाइजेशन के दौर में प्रत्येक डाटा और इन्फोरमेशन को साइबर हमलों से बचाना बहुत जरूरी है।
एम्स ऋषिकेश में टेलिमेडिसिन एंड बायोमेडिकल इन्फोरमेटिक विभाग (Department of Telemedicine & Biomedical Informatics at AIIMS Rishikesh) से संचालित रीजनल रिसाॅर्स सेन्टर (सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस फाॅर ए.आई.) और सेन्टर फाॅर एविडेन्स सिंथेसिस एंड पब्लिक पाॅलिसी सेन्ट्रल लाइब्रेरी (Centre for Evidence Synthesis and Public Policy Central Library) के संयुक्त तत्वाधान में चल रहे दो दिवसीय सम्मेलन में विभिन्न क्षेत्र के विशेषज्ञों ने स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (ए.आई.) के महत्व की जानकारी दी।
केन्द्रीय परिवार और कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव मधुकर कुमार भगत ने हेल्थ सेक्टर में साइबर सुरक्षा के महत्व, खतरे और इनसे बचने की चुनौतियों पर विस्तार पूर्वक प्रकाश डाला।
साइबर सिक्योरिटी और इन्फोरमेशन सिक्योरिटी के बारे में उन्होंने कहा कि स्मार्ट ई हेल्थ और ई लर्निंग में हमें प्रत्येक साइबर हमलों के प्रति सचेत रहने की आवश्यकता है। संयुक्त सचिव मधुकर भगत ने संस्थान को बाहरी और आंतरिक साइबर हमलों से बचाने और चिकित्सा सेवाओं की उपलब्धता, चिकित्सा प्रणालियों व उपकरणों के उचित संचालन, रोगी डेटा की गोपनीयता को पूर्ण गंभीरता के साथ सुनिश्चित करने की बात कही।
उन्होंने बताया कि इस बारे में मंत्रालय ने एक पाॅलिसी बनाई है, जिसे शीघ्र ही लागू कराया जाएगा।
पीजीआई चंडीगढ़ के डाॅ. कमल किशोर ने बताया कि किस प्रकार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (ए.आई.) हेल्थ केयर सेक्टर में उपयोगी सिद्ध हो रही है और भविष्य में इसको और अधिक उपयोगी किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि ए.आई. प्लेटफाॅर्म का उपयोग कर रिसर्च आर्टिकल भी लिखा जा सकता है।
डाॅ. किशोर ने स्वास्थ्य क्षेत्र. में चैट जीपीटी के लाभ गिनाए और बताया कि किस प्रकार यह हमारे अनुसंधान कार्यों को आसान बना रहा है।
इससे पूर्व एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने सस्टेनेबल मेडिसिन एंड एआई ड्राइवन एप्रोचेज फाॅर रेजिलींन्ट ट्रांजिशन इन डिजिटल हेल्थ (स्मार्ट) ई हेल्थ और ई लर्निंग तकनीक अपनाने पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में संस्थान इस दिशा मे तेजी से योजनाओं को विकसित कर रहा है। सम्मेलन को देश के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों से आए कई अन्य विशेषज्ञों ने भी संबोधित किया।
इस दौरान डीन एकेडमिक प्रो. जया चतुर्वेदी, प्रो. सोमप्रकाश बासु, प्रो. रजनीश अरोड़ा, प्रो. शालिनी राव, प्रो. स्मृति अरोड़ा, प्रो. कमर आजम, डाॅ. अनुपमा बहादुर, डाॅ. नम्रता गौड़, अधीक्षण अभियन्ता ले. कर्नल राजेश जुयाल, विधि अधिकारी प्रदीप कुमार पांडेय, सम्मेलन के आयोजन सचिव विनीत कुमार सिंह, सह सचिव संदीप कुमार सिंह, डाॅ. विवेक सिंह मलिक सहित संस्थान के विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे।