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राष्ट्रीय जल पुरस्कार के लिए आवेदन मांगे, 15 सितंबर अंतिम तिथि

सभी आवेदन केवल ऑनलाइन राष्ट्रीय पुरस्कार पोर्टल www.awards.gov.in के माध्यम से प्राप्त किए जाएंगे

नई दिल्ली। जल शक्ति मंत्रालय के जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग ने राष्ट्रीय पुरस्कार पोर्टल पर चौथे राष्ट्रीय जल पुरस्कारों के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। सभी आवेदन केवल ऑनलाइन राष्ट्रीय पुरस्कार पोर्टल (www.awards.gov.in) के माध्यम से प्राप्त किए जाएंगे। अधिक जानकारी के लिए आम लोग इस पोर्टल या इस विभाग की वेबसाइट (www.jalshakti-dowr.gov.in) देख सकते हैं। आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 15 सितंबर, 2022 है।

पुरस्कार के लिए पात्रता:

कोई भी राज्य, जिला, ग्राम पंचायत, शहरी स्थानीय निकाय, मीडिया, स्कूल, संस्थान, उद्योग, गैर-सरकारी संगठन या जल उपयोगकर्ता संघ, जिसने जल संरक्षण और प्रबंधन के क्षेत्र में अनुकरणीय कार्य किया है, आवेदन करने के लिए पात्र हैं।

ट्रॉफी और प्रशस्ति पत्र:

पुरस्कार इन श्रेणियों के लिए दिए जाएंगे- ‘सर्वश्रेष्ठ राज्य’ और ‘सर्वश्रेष्ठ जिला,’ विजेताओं को ट्रॉफी और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जाता है। अन्य श्रेणियों में ‘सर्वश्रेष्ठ ग्राम पंचायत,’ ‘सर्वश्रेष्ठ शहरी स्थानीय निकाय,’ ‘सर्वश्रेष्ठ मीडिया,’ ‘सर्वश्रेष्ठ स्कूल,’ ‘कैंपस उपयोग के लिए सर्वश्रेष्ठ संस्थान,’ ‘सर्वश्रेष्ठ उद्योग,’ ‘सर्वश्रेष्ठ एनजीओ,’ ‘सर्वश्रेष्ठ जल उपयोगकर्ता एसोसिएशन’ और ‘सीएसआर गतिविधियों के लिए सर्वश्रेष्ठ उद्योग,’ विजेताओं को ट्रॉफी और प्रशस्ति पत्र के साथ नकद पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है। पहला, दूसरा और तीसरा स्थान पाने वाले विजेताओं के लिए नकद पुरस्कार क्रमशः 2 लाख रुपये, 1.5 लाख रुपये और 1 लाख रुपये है।

चयन प्रक्रिया:

राष्ट्रीय जल पुरस्कारों के लिए प्राप्त सभी आवेदनों को जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग द्वारा गठित जूरी समिति के समक्ष रखा जाता है। जूरी समिति जो सिफारिश करती है उसके अनुरूप पुरस्कार प्रदान किया जाता है। समिति की सिफारिश अनुमोदन के लिए केंद्रीय जल शक्ति मंत्री को प्रस्तुत की जाती है। इसके बाद, विजेताओं के नामों की घोषणा एक उपयुक्त तिथि पर की जाती है।

पुरस्कारों का ब्योरा :

क्रम संख्या श्रेणी योग्य प्रतिष्ठान पुरस्कार पुरस्कारों की संख्या
1. सर्वश्रेष्ठ राज्य राज्य सरकार/केंद्र शासित प्रदेश ट्रॉफी और प्रशस्ति पत्र 3 पुरस्कार
2. सर्वश्रेष्ठ जिला जिला प्रशासन/डीएम/डीसी ट्रॉफी और प्रशस्ति पत्र 3 पुरस्कार
3. सर्वश्रेष्ठ ग्राम पंचायत ग्राम पंचायत नकद पुरस्कार

ट्रॉफी और प्रशस्ति पत्र

3 पुरस्कारः

प्रथम पुरस्कार   2 लाख रुपए

द्वितीय पुरस्कार 1.5 लाख रुपए

तृतीय पुरस्कार 1 लाख रुपए

4. सर्वश्रेष्ठ शहरी निकाय शहरी स्थानीय निकाय -वही- -वही-
5. सर्वश्रेष्ठ मीडिया (प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक) समाचारपत्र/पत्रिका/टीवी शो -वही- -वही-
6. सर्वश्रेष्ठ स्कूल स्कूल -वही- -वही-
7. कैंपस उपयोग के लिए सर्वश्रेष्ठ संस्थान संस्थान/ आरडब्ल्यूए/धार्मिक/उच्च शिक्षा संगठन -वही- -वही-
8. सर्वश्रेष्ठ उद्योग लघु/मंझौला/बड़ा उद्योग -वही- -वही-
9. सर्वश्रेष्ठ एनजीओ रजिस्टर्ड एनजीओ -वही- -वही-
10. सर्वश्रेष्ठ जल उपयोग एसोसिएशन जल उपयोग एसोसिएशन -वही- -वही-
11. सीएसआर गतिविधियों के लिए सर्वश्रेष्ठ उद्योग बड़ा/मंझौला/लघु उद्योग -वही- -वही-

 

 

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Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर मानव भारती संस्था में सेवाएं शुरू कीं, जहां बच्चों के बीच काम करने का अवसर मिला। संस्था के सचिव डॉ. हिमांशु शेखर जी ने पर्यावरण तथा अपने आसपास होने वाली घटनाओं को सरल भाषा में कहानियों के माध्यम से प्रस्तुत करने के लिए प्रेरित किया। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। जब भी समय मिलता है, अपने मित्र मोहित उनियाल व गजेंद्र रमोला के साथ पहाड़ के गांवों की यात्राएं करता हूं। ‘डुगडुगी’ नाम से एक पहल के जरिये, हम पहाड़ के विपरीत परिस्थितियों वाले गांवों की, खासकर महिलाओं के अथक परिश्रम की कहानियां सुनाना चाहते हैं। वर्तमान में, गांवों की आर्थिकी में खेतीबाड़ी और पशुपालन के योगदान को समझना चाहते हैं। बदलते मौसम और जंगली जीवों के हमलों से सूनी पड़ी खेती, संसाधनों के अभाव में खाली होते गांवों की पीड़ा को सामने लाने चाहते हैं। मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए ‘डुगडुगी’ नाम से प्रतिदिन डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे। यह स्कूल फिलहाल संचालित नहीं हो रहा है। इसे फिर से शुरू करेंगे, ऐसी उम्मीद है। बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी वर्तमान में मानव भारती संस्था, देहरादून में सेवारत संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344
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