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छात्रों ने सिपेट से समझीं, प्लास्टिक के बारे में बहुत सारी बातें

यूसर्क ने देहरादून के विभिन्न शिक्षण संस्थाओं के 70 विद्यार्थियों को सिपेट का भ्रमण कराया

डोईवाला। उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केन्द्र (यूसर्क) ने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर डोईवाला स्थित सिपेट ( सेंट्रल इंस्‍टीट्यूट ऑफ प्‍लास्टिक इंजीनियरिंग एंड टेक्‍नोलॉजी) का भ्रमण किया और प्लास्टिक के बारे में बहुत सारी जानकारियां लीं। इस दौरान वैज्ञानिक अनुसंधानों की व्यवहारिक बारीकियों के बारे में चर्चा की।

यूसर्क ने देहरादून के विभिन्न शिक्षण संस्थाओं के 70 विद्यार्थियों को सिपेट (CIPET) का भ्रमण कराया गया। विद्यार्थियों ने वहां चल रहे विभिन्न वैज्ञानिक अनुसंधानों के बारे में जानकारी ली। संस्थान में कौशल विकास से सम्बन्धित प्रशिक्षण, अत्याधुनिक तकनीकियों से प्लास्टिक उत्पादों के निर्माण, परीक्षण, गुणवत्ता व मानकीकरण नियंत्रण, प्लास्टिक इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के सभी विषयों में अनुप्रयोग और विकास आदि क्षेत्रों में हो रहे कार्यों के बारे में बताया गया। विशेषज्ञों ने इस क्षेत्र में करियर के संबंध में भी मार्गदर्शन किया।

यूसर्क की निदेशक प्रो. (डॉ.) अनिता रावत ने कहा कि यूसर्क राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय दिवसों पर राजकीय विद्यालयों के छात्रों को थीम आधारित भ्रमण कराया जा रहा है। इसी क्रम में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर यूसर्क ने छात्र-छात्राओं को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी अनुसंधान व नवाचार के प्रति अभिरूचि पैदा करने के लिए सिपेट भ्रमण का आयोजन किया जा रहा है।

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कार्यक्रम में यूसर्क के वैज्ञानिक डॉ. ओम प्रकाश नौटियाल ने यूसर्क से संचालित विभिन्न प्रौद्योगिकी आधारित गतिविधियों से छात्र कैसे लाभान्वित हो सकते हैं, की जानकारी दी। यूसर्क के वैज्ञानिक डॉ. भवतोष शर्मा ने कहा कि आज का युग विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का युग है, हमें विज्ञान आधारित विभिन्न गतिविधियों को प्रयोगात्मक रूप से सीखना चाहिए। कार्यक्रम में पर्यावरणविद् हेमन्त गुप्ता ने तकनीकी का सदुपयोग करने के साथ-साथ पर्यावरण की रक्षा करने का आह्वान किया।

कार्यक्रम में उमेश चन्द्र, सिपेट के उपनिदेशक अभिषेक राजवंश, तकनीकी अधिकारी सांई राजा, आदित्य कुमार वर्मा, हरिज्ञान चन्द्र सरस्वती शिशु विद्या मंदिर इंटर कॉलेज के आचार्य चन्द्र शेखर गैरोला, समाज सेवी गणेश कुमार, पब्लिक इंटर कॉलेज डोईवाला के शिक्षक विवेक कुमार, समीर पुरी आदि उपस्थित रहे।

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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