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अत्यंत महत्वपूर्णः उत्तराखंड चारधाम यात्रियों के लिए स्वास्थ्य विभाग की सलाह

अति वृद्ध तथा अस्वस्थ, पूर्व में कोविड-19 से ग्रस्त रहे व्यक्तियों को यात्रा पर नहीं जाने को कहा

देहरादून। उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग ने चारधाम यात्रियों के लिए एडवायजरी जारी की है, जिसमें कहा गया है कि स्वास्थ्य परीक्षण के बाद ही यात्रा के लिए प्रस्थान करें।

विभाग की सलाह के अनुसार, पूर्व से बीमार व्यक्ति अपने चिकित्सक का परामर्श पर्चा एवं चिकित्सक का संपर्क नम्बर तथा उनके  द्वारा लिखी गई दवाइयां अपने साथ रखें।

अति वृद्ध एवं बीमार व्यक्तियों तथा पूर्व में कोविड 19 से ग्रस्त व्यक्तियों के लिए यात्रा पर नहीं जाना या कुछ समय के लिए स्थगित करना उचित होगा।

तीर्थस्थल पर पहुँचने से पहले मार्ग में एक दिन का विश्राम करना उचित होगा।

गर्म एवं ऊनी वस्त्र साथ में अवश्य रखें।

हृदय रोग, श्वांस रोग, मधुमेह, उच्च रक्तचाप से ग्रस्त रोगी ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जाते समय विशेष सावधानी बरतें।

धूम्रपान व अन्य मादक पदार्थों के सेवन से परहेज करें।

सिर दर्द होना, चक्कर आना, घबराहट होना, दिल की धड़कन तेज होना, उल्टी आना, हाथ-पांव व ओठों का नीला पड़ना, थकान होना, सांस फूलना, खाँसी होना अथवा अन्य लक्षण होने पर तत्काल निकटतम स्वास्थ्य केन्द्र पहुँचें तथा 104 हेल्पलाइन नम्बर पर सम्पर्क करें।

यात्रा के दौरान पानी पीते रहें और भूखे पेट ना रहें।

लम्बी पैदल यात्रा के दौरान बीच-बीच में विश्राम करें।

ऊंचाई वाले क्षेत्रों में व्यायाम से बचें।

किसी भी स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारी के लिए 104 तथा एम्बुलेंस के लिए 108 हेल्पलाइन नम्बर पर सम्पर्क करें।

सनस्क्रीन एस.पी.एफ. 50 का उपयोग अपनी त्वचा को तेज धूप से बचाने के लिए करें। यू.वी. किरणों से अपनी आंखों के बचाव के लिए सन ग्लासेस का उपयोग करें।

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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