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Lok Sabha Chunav 2024: मीडिया के लिए यह हैं नियम

मतदेय स्थल और मतगणना केन्द्र पर केवल भारत निर्वाचन आयोग से उपलब्ध प्राधिकार पत्र ही प्रवेश के लिए अनुमन्य होगा

देहरादून। अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी विजय कुमार जोगदंडे ने मंगलवार को सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में प्रेस ब्रीफिंग करते हुए भारत निर्वाचन आयोग के मीडिया के सबंध में दिए गए निर्देशों की जानकारी दी।

उन्होंने बताया, “मतदेय स्थल और मतगणना केन्द्र पर केवल भारत निर्वाचन आयोग से उपलब्ध प्राधिकार पत्र ही प्रवेश के लिए अनुमन्य होगा। प्राधिकार पत्र धारक मीडिया प्रतिनिधियों को बूथ में कवरेज के लिए पीठासीन अधिकारी की अनुमति लेनी जरूरी होगी।”

“मतगणना केन्द्र में प्रवेश की अनुमति की व्यवस्था संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारियों के माध्यम से की जाएगी। मतगणना केन्द्र पर एक मीडिया कक्ष की व्यवस्था होगी, जहां पर मीडिया की सुविधा के लिए प्रिंटर, लैपटॉप, एलईडी स्क्रीन की व्यवस्था की जाएगी।”

उन्होंने बताया, “मतदेय स्थलों पर वोटिंग कंपार्टमेंट की कवरेज करना प्रतिबंधित है। मतदेय स्थल पर ईवीएम मशीन की कवरेज करना भी प्रतिबंधित है, ताकि किसी की मतदान की गोपनीयता बाधित न हो।”

“मतगणना हॉल के अन्दर स्टैटिक कैमरा या वीडियो कैमरा की अनुमति नहीं होती है। उन्होंने कहा कि प्रथम चरण के मतदान प्रारम्भ होने के समय से अन्तिम चरण के मतदान समाप्त होने के आधे घंटे बाद तक एक्जिट पोल के नतीजों का प्रकाशन या प्रसारण करना प्रतिबंधित रहेगा। मतदान के दिवस से 48 घंटे पूर्व के समय पर ओपिनियन पोल करना भी प्रतिबंधित है।”

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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