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इंदौर में एशिया के सबसे लंबे हाई स्पीड ट्रैक की शुरुआत

इंदौर। भारत में ऑटोमोबाइल के लिए एशिया के सबसे लंबे हाईस्पीड ट्रैक की मंगलवार को शुरुआत की गई। भारी उद्योग एवं लोक उद्यम मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने एनएटीआरएएक्स- हाई स्पीड ट्रैक (एचएसटी) का उद्घाटन किया। यह दुनिया का पांचवां सबसे लंबा हाई स्पीड ट्रैक है।

एनएटीआरएएक्स को 1000 एकड़ भूमि के क्षेत्र में इंदौर में विकसित किया गया है। जहां पर दो पहिया वाहनों से लेकर भारी ट्रैक्टर ट्रेलरों तक के सभी प्रमुख श्रेणी वाले वाहनों के हाई स्पीड परीक्षण हो सकेंगे।

विश्वस्तरीय 11.3 किमी लंबे हाई स्पीड ट्रैक के ई-उद्घाटन पर जावड़ेकर ने कहा कि भारत का ऑटोमोबाइल और स्पेयर पार्ट्स का मैन्युफैक्चरिंग केंद्र बनना तय है।

उन्होंने कहा , हम तेजी से ‘आत्मनिर्भर भारत’ की ओर बढ़ रहे हैं और इस दिशा में चौतरफा प्रयास किए जा रहे हैं। भारत ऑटो मैन्युफैक्चरिंग का केंद्र बनेगा। ऑटोमोबाइल और मैन्युफैक्चरिंग उद्योगों के विस्तार से नए रोजगार पैदा करने में भी सहयोग मिलेगा।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि रेलवे, राजमार्ग और जलमार्ग क्षेत्र की कई परियोजनाएं वर्षों से लटकी थीं, जो आज मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति के कारण पूरी हो रही हैं।

इस अवसर पर भारी उद्योग एवं लोक उद्यम राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि सरकार मैन्युफैक्चरिंग और ऑटोमोबाइल उद्योग को बढ़ावा दे रही है, क्योंकि इससे देश को बड़े पैमाने पर सशक्त बनाने में मदद मिलेगी।

एनएटीआरएएक्स केंद्र में कई परीक्षण क्षमताएं हैं, जैसे अधिकतम गति को आंकना, एक्सीलरेशन,तय गति पर ईंधन की खपत क्षमता, रियल रोड ड्राइविंग सिमुलेशन के माध्यम से उत्सर्जन परीक्षण, लेन बदलने के दौरान के दौरान वाहन की स्थिरता, उच्च गति की निरंतरता परखने की सुविधा है। इसके अलावा यह वाहनों के डायनेमिक्स का एक उत्कृष्टता केंद्र है।

एचएसटी का इस्तेमाल बीएमडब्ल्यू, मर्सिडीज, ऑडी, फेरारी, लेम्बोर्गिनी, टेस्ला आदि जैसी हाई-एंड कारों की अधिकतम हाई स्पीड क्षमता को मापने के लिए किया जाता है। इसे किसी अन्य भारतीय परीक्षण ट्रैक पर नहीं मापा जा सकता है।

मध्य प्रदेश में स्थित होने के कारण, यह अधिकांश ओईएम के लिए सुलभ है। विदेशी ओईएम भी भारतीय परिस्थितियों के लिए प्रोटोटाइप कारों के विकास के लिए एनएटीआरएएक्स एचएसटी के इस्तेमाल पर विचार करेंगे। वर्तमान में, विदेशी ओईएम हाई स्पीड परीक्षण जरूरतों के लिए विदेश में उच्च गति वाले ट्रैक पर परीक्षण करते हैं।

यह सभी प्रकार के हाई स्पीड परीक्षणों के लिए एक प्रमुख स्थान है, जो दुनिया में सबसे बड़े ट्रैकों में से एक है। यह सभी तरह की श्रेणी वाले वाहनों की जरूरत को पूरा कर सकता है।

दो पहिया वाहनों से लेकर सबसे भारी ट्रैक्टर ट्रेलरों तक के वाहनों का इस ट्रैक पर परीक्षण किया जा सकता है। ट्रैक के घुमावों पर वाहनों की स्टेयरिंग का नियंत्रण 375 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम गति पर भी किया जा सकता है।

इसके लिए ट्रैक को कम अंडाकार बनाया गया है। जो इसे से वैश्विक स्तर पर सबसे सुरक्षित परीक्षण ट्रैक में से एक बनाता है।

Key words:- Ministry of Heavy Industries and Public Enterprises,  Prakash Javadekar, NATRAX- the High Speed Track(HST), Asia’s longest High Speed Track for automobiles, and world’s fifth longest High Speed Track for automobiles, high-end cars , safest test track globally, हाईस्पीड ट्रैक पर क्या होता है, व्हीकल की स्पीड का परीक्षण कैसे होता है

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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