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मुख्यमंत्री ने अफसरों से कहा, हमारा उद्देश्य कार्यों को उलझाना नहीं, सुलझाना हो

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शासन के उच्चाधिकारियों को पत्रावलियों का निस्तारण समयबद्धता के साथ सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों से मेहनत, ईमानदारी एवं पारदर्शिता के साथ अपने दायित्वों के निर्वहन की भी अपेक्षा की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा उद्देश्य कार्यों को उलझाना नहीं, बल्कि उन्हें सुलझाना होना चाहिए।

सोमवार को मुख्यमंत्री धामी से मुख्य सचिव ओम प्रकाश के नेतृत्व में आईएएस एसोसिएशन के सदस्यों ने भेंट की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय प्रशासनिक सेवा देश की सबसे बड़ी सेवा है। शासन व्यवस्था का अनुभव आपको है। शासन में बैठे अधिकारियों से जनता की उम्मीदें जुड़ी होती हैं। जनता से जुड़े कार्यों का त्वरित निस्तारण समयबद्धता के साथ हो इसके लिए प्रभावी व्यवस्था बनाए जाने की जरूरत है।

उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि योजनाओं के क्रियान्वयन से सम्बन्धित प्रक्रिया शीघ्र धरातल पर दिखाई दे, इसकी भी पहल की जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि हम सबको एक परिवार की तरह राज्य के विकास में सहयोगी बनना होगा। उन्होंने अधिकारियों से शासकीय कार्यप्रणाली एवं प्रक्रियाओं में आवश्यक सुधार आदि के लिए सुझाव भी आमंत्रित किए।

उन्होंने आपसी संवाद पर भी ध्यान देने की बात कही। मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों से सेवा में नए आए अधिकारियों का मार्गदर्शन करने की भी अपेक्षा की।

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Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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