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मोहकमपुर में हंस फाउंडेशन का डायलिसिस केंद्र खुला

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मोहकमपुर देहरादून में द हंस फाउंडेशन डायलिसिस केन्द्र का लोकार्पण किया। माता मंगला के जन्मोत्सव पर हंस फाउंडेशन के संस्थापक भोले जी महाराज और माता मंगला ने प्रदेश को 14 डायलिसिस केन्द्रों एवं 13 सचल चिकित्सालयों की सौगात दी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने माता मंगला को जन्मोत्सव की शुभकामनाएं देते हुए उनके स्वस्थ एवं दीर्घायु जीवन की कामना की।

उन्होंने कहा कि माता मंगला और भोले जी महाराज ने अपना पूरा जीवन परमार्थ के लिए लिए समर्पित किया है। उनके लिए नर सेवा ही नारायण सेवा है। उत्तराखंड ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण देश में जन सेवा के लिए कई कार्य किए जा रहे हैं।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने माता मंगला ने कहा कि हंस फाउंडेशन ने डायलिसिस केन्द्रों एवं सचल चिकित्सालयों की बड़ी सौगात दी है। 12 दूरस्थ डिग्री कॉलेजों के लिए भी उन्होंने एक लाख किताबें दी हैं।

माता मंगला ने कहा, मेरी भगवान से प्रार्थना है कि मुझे जितना भी समय मिले, मैं जन सेवा कर सकूं। यदि प्रत्येक व्यक्ति एक-एक आदमी की मदद भी करता है तो यह अपने आप में बड़ी उपलब्धि होगी। जिन बच्चों की आज हम सेवा कर रहे हैं, कल वो अपने पैरो पर खड़े होंगे। यह आत्म सन्तुष्टि का भाव है।

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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