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COVID-19: फेक न्यूज और गलत सूचनाएं देने वालों पर कार्रवाई के आदेश

सचिव ने सभी डीएम और एसएसपी, एसपी को जारी किए आदेश

देहरादून। कोरोना वायरस पर फेक न्यूज या गलत जानकारियां प्रसारित करने वालों के खिलाफ प्रशासन कानूनी कार्रवाई करेगा। सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के क्रम में सचिव दिलीप जावलकर ने जिलाधिकारियों और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों व पुलिस अधीक्षकों को जारी आदेश में सोशल मीडिया, प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रोनिक मीडिया पर फेक न्यूज पर रोक लगाने के लिए प्रभावी मानिटरिंग सुनिश्चित करने को कहा है।

सोशल मीडिया पर कोरोना वायरस के संबंध में गलत जानकारियां देने या फेक न्यूज देने पर आईटी एक्ट व डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। कोरोना वायरस के संबंध में ऐसी गलत सूचनाएं  प्रसारित नहीं की जानी हैं, जिनसे आमजन में भय व्याप्त हो और लोक व्यवस्था बिगड़े।

वहीं, भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म को कोरोना वायरस पर फेक न्यूज और गलत सूचनाओं को हटाए जाने के लिए निर्देशित किया है। इसी क्रम में प्रदेश में भी सोशल मीडिया पर इस तरह की गलत जानकारियां देने पर संबंधित जिला प्रशासन को प्रभावी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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