Life style का शरीर पर प्रभाव पड़ता है, यह हम पर निर्भर करता है कि हमारी जीवन शैली स्वास्थ्य पर कैसा प्रभाव डाले, सकारात्मक या नकारात्मक। पर, भागदौड़ वाली दिनचर्या में हम अपने शरीर को समय नहीं देते और उस जीवन शैली, खानपान और आदतों को अपना लेते हैं, जिनसे रोगों से ग्रस्त हो जाते हैं। खासकर, बीपी, शुगर और अन्य रोग, जो जीवन शैली से वास्ता रखते हैं, दुनियाभर में चिंता का विषय बने हैं। जीवन शैली से जुड़ी शारीरिक दिक्कतों पर एम्स ऋषिकेश के कम्युनिटी एवं फैमिली मेडिसिन डिपार्टमेंट में एडिशनल प्रोफेसर डॉ. संतोष कुमार ने लिस्टराबाद में एक संवाद में कुछ जिज्ञासाओं पर बात की… आप भी सुनिएगा।
Rajesh Pandey
राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में 26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।
बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है।
बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।
अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।
बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं।
शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग
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डुग डुगी जून, 2022July 5, 2022