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सीएम धामी का लंदन दौराः उत्तराखंड में 9000 करोड़ रुपये के निवेश के लिए समझौते

कायन जेट के साथ ₹4500 करोड़ के एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए

देहरादून। उत्तराखंड राज्य के विकास के लिए बड़े औद्योगिक घरानों का राज्य में निवेश कराने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का लंदन दौरा सफल रहा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ब्रिटेन से 9000 करोड़ रुपये का निवेश लाने में सफल रहा।

मुख्यमंत्री के साथ लंदन गए अधिकारियों ने राज्य सरकार की ओर से कायन जेट के साथ ₹4500 करोड़ के एमओयू पर हस्ताक्षर किए। उषा ब्रेको के साथ ₹1000 करोड़, पोमा ग्रुप के साथ ₹2000 करोड़ तथा बर्मिंघम में विभिन्न कंपनियों के साथ 1500 करोड़ रुपये के सौदे पर हस्ताक्षर किए गए।

लंदन दौरे के दौरान, मुख्यमंत्री धामी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए आयोजित बैठक में शामिल हुए। उन्होंने लंदन के कई प्रमुख औद्योगिक घरानों से मुलाकात की और उत्तराखंड में निवेश की संभावनाओं पर विस्तृत चर्चा की। सीएम धामी ने सभी निवेशकों को इस साल दिसंबर महीने में होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के लिए उत्तराखंड में आमंत्रित किया है।

लंदन पहुंचने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का प्रवासी भारतीयों, वहां रह रहे उत्तराखंड के लोगों ने सांस्कृतिक एवं रंगारंग कार्यक्रम के साथ स्वागत किया। गढ़वाली, कुमाऊंनी और जौनसारी लोकगीतों पर रंगारंग प्रस्तुति की गई। मुख्यमंत्री ने कहा, “यह मेरा सौभाग्य है कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के रूप में, मैं इन्वेस्टर्स समिट की बैठक में भाग लेने के लिए लंदन आ सका। लंदन में उत्तराखंड के इतने लोगों को देखकर मुझे लगा कि ब्रिटेन में भी एक लघु उत्तराखंड बसता है।”

https://investuttarakhand.uk.gov.in/investorsummit/

 

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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