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मुख्यमंत्री ने देहरादून रेलवे स्टेशन पुनर्विकास परियोजना की समीक्षा की

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में देहरादून रेलवे स्टेशन पुनर्विकास परियोजना की स्थिति की समीक्षा करते हुए रेल भूमि विकास प्राधिकरण (आरएलडीए) के अधिकारियों को समयबद्धता एवं गुणवत्ता का ध्यान रखने को कहा।
आरएलडीए के वाइस-चेयरमैन वेद प्रकाश डुडेजा ने परियोजना के विकास के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री को जानकारी देते हुए 83.5 मीटर ऊंची बिल्डिंग समेत डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) के लिए मंजूरी मांगी। मालूम हो कि देहरादून रेलवे स्टेशन को आरएलडीए और एमडीडीए संयुक्त रूप से विकसित कर रहे हैं। इस संबंध में दोनों संस्थाओं के बीच पिछले साल एमओयू साइन किया गया था।
पुनर्विकास का उद्देश्य यात्री सुविधा के अनुरूप स्टेशन को अलग-अलग प्रवेश और निकास, फूड आउटलेट्स, अंडरग्राउंड पार्किंग समेत अन्य अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ अपग्रेड करना है। इस योजना में देहरादून स्टेशन में प्रवेश/निकास के लिए वर्तमान यातायात समस्याओं को दूर किया जाएगा।
यात्री/आगंतुक हाई-राइजिंग टॉवर के ऊपर रिवॉल्विंग रेस्टोरेंट से लगभग एक घंटे में पूरे दून घाटी के 360 डिग्री बर्ड आई व्यू का आनंद ले सकते हैं। यह उत्तराखंड राज्य में अपनी तरह का पहला रिवॉल्विंग रेस्टोरेंट होगा। प्रस्तावित स्टेशन की लागत स्टेशन के लिए 125 करोड़ और कॉमर्शियल डेवलपमेंट के लिए 400 करोड़ रुपए होगी।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने एमडीडीए को कैबिनेट की मंजूरी के लिए प्रस्ताव को जनवरी 2021 के तीसरे सप्ताह में होने वाली अगली कैबिनेट बैठक में रखने की सलाह दी। रेल भूमि विकास प्राधिकरण के वाइस-चेयरमैन डुडेजा ने कहा कि हमने राज्य सरकार से देहरादून रेलवे स्टेशन की डीपीआर पर जल्द मंजूरी के लिए अनुरोध किया है, ताकि जल्द से जल्द आरएफपी मंगाई जा सके।
देहरादून रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास, वैश्विक मानकों के अनुरूप किया जाएगा और यह यात्रियों को सुखद अनुभव प्रदान करेगा। स्टेशन का पुनर्विकास रियल एस्टेट की कीमतों को बढ़ाने के साथ-साथ पर्यटन की क्षमता और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देगा।
साथ ही यह सभी स्टेकहोल्डर्स के लिए भी फायदेमंद होगा। बैठक में मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) के वाइस-चेयरमैन रणवीर सिंह चौहान, उत्तराखंड के आवास सचिव शैलेश बगौली और देहरादून के जिलाधिकारी डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव भी उपस्थित थे।

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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