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जीवों के बारे में ये भी जानो

  1. शतुरमुर्ग सबसे तेजी से दौड़ने वाले जीवों में से एक है। ये घोड़ों से तेज़ दौड़ते हैं। नर शुतुरमुर्ग शेरों की तरह गर्जना के लिए जाना जाता है।
  2. घरेलू मक्खी की कुल आयु 14 दिन की होती है। 
  3. हिम तेंदुए शेरों और बाघों से अलग आवाजें निकालते हैं। हिमतेंदुए ज्यादा तेज आवाज नहीं निकाल पाते। इसकी वजह उनकी अविकिसत वोकल कोड् र्स होना है। 
  4. चमगादड़ एकमात्र स्तनधारी हैं जो उड़ने की क्षमता रखते हैं।
  5. हर कोई जानता है कि कंगारूओं को एक स्थान से दूसरी जगह जाने के लिए कूदना पड़ता है। हालांकि बहुत कम लोग जानते होंगे कंगारू कूदने के लिए अपनी पूंछ का उपयोग करते हैं।
  6. बाघ के शरीर पर ही नहीं बल्कि उसकी त्वचा पर भी स्ट्रिप अंकित होती है। किसी भी बाघ के शरीर पर बनी स्ट्रिप का पैटर्न एक समान नहीं होता। 
  7. ग्रेट डेन नस्ल के कुत्ते सबसे लंबे होते है, जबकि सेंट बर्नार्ड सबसे भारी डॉगी होता है। 
  8. गोरिल्ला में भी मानव की तरह ठंड और अन्य बीमारियों की आशंका रहती है। 
  9. कुत्तों की दृष्टि मनुष्य की तुलना में बेहतर होती है। हालांकि उनमें मनुष्य की तरह कलर देख पाने की क्षमता नहीं होती।
  10. हैरानी की बात है कि हिरण में कोई गाल ब्लेडर नहीं होता।
  11. मगरमच्छ के जबड़े से बचने के लिए, उसकी आई बाल को अंगूठे से धकेलना चाहिए। इससे वह उस व्यक्ति पर अपनी पकड़ ढीली कर देता है।
  12. बिल्लियों के हर कान में 32 मांसपेशियां होती हैं, जो उन्हें बेहतर सुनाई देने में मदद करती हैं। 
  13. चमगादड़ चल नहीं सकते, क्योंकि उनके पैर की हड्डियां बहुत पतली होती हैं।
  14. टारेंटूला स्पाइडर नामक मकड़ी की एक प्रजाति दो साल से अधिक समय तक खाने के बिना जीवित रहने की क्षमता रखती है।
  15. ऊंट अपने कूबड़ का उपयोग वसा को संग्रहित करने के लिए करता है। विपरीत परिस्थितियों में इसे भोजन और पानी में बदल सकता है।
  16. हिम तेंदुए भेड़ और बकरियों जैसे जानवरों को खाने के अलावा वनस्पतियों को भी भोजन में शामिल करते हैं। 
  17. गाय खड़े होकर सोने में सक्षम होती हैं। हालांकि जब ये बैठकर सोती हैं, तब सपने भी देख सकती है। 
  18. मगरमच्छ 100 साल तक जीवित रह सकते हैं।
  19. यदि एक बिच्छू को अल्कोहल की एक छोटी बूंद के साथ इंजेक्ट किया जाता है, तो यह क्रेजी हो जाता है और खुद को ही डंक मारकर मर जाता है।
  20. चींटियों को नींद नहीं आती और इनके पास फेफड़े भी नहीं होते हैं।
  21. एक अफ्रीकी तितली अपने शरीर के अंदर मौजूद जहर से छह बिल्लियों को मार सकती है।
  22. जन्म के बाद बेबी कंगारूज़ केवल एक इंच लंबे होते हैं, जो एक रानी मधुमक्खी का आकार है।
  23. एक टिड्डी अपने शरीर की लंबाई की तुलना में 20 गुना अधिक छलांग मार सकता है।

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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