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कोविड-19 लघु फिल्म प्रतियोगिता में शामिल होने की अंतिम तिथि 30 अक्टूबर 2020 तक बढ़ी

देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के निर्देश पर कोविड-19 लघु फिल्म प्रतियोगिता में शामिल होने की अंतिम तिथि को अब 20 अक्टूबर से बढ़ाकर 30 अक्टूबर 2020 कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री ने प्रतियोगिता में अधिक से अधिक संख्या में प्रतिभाग की अपील करते हुए कहा कि जनजागरूकता से ही कोविड-19 से बचाव सम्भव है। हालांकि कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी आ रही है, फिर भी आने वाले त्योहारों को देखते हुए पहले से अधिक सावधान व सतर्क रहने की जरूरत है। कोविड-19 से बचाव के अभियान को जन आंदोलन के रूप में चलाने की आवश्यकता है।

महानिदेशक सूचना डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने बताया कि कोविड-19 को लेकर जन जागरूकता में प्रतिभागियों की रूचि और उत्साह को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि प्रतियोगिता के लिए अब प्रविष्टियां 30 अक्टूबर तक शामिल की जाएगी। तिथि बढ़ने से अब वह लोग भी इस प्रतियोगिता में प्रतिभाग कर सकेंगे जो किसी कारण से अभी तक अपनी प्रविष्टि नहीं भेज पाए थे। प्रविष्टि के लिए गूगल ड्राइव या यूट्यूब लिंक ईमेल आईडी  smteamdipr@gmail.com पर शेयर की जा सकती है। अधिक जानकारी के लिए मोबाइल नम्बर  8287250243 पर सम्पर्क किया जा सकता है।

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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