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जनता के साथ, जनप्रतिनिधियों के फोन अवश्य उठाएं अधिकारीः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अफसरों से कहा, भ्रष्टाचार के खिलाफ शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई करें

हल्द्वानी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सर्किट हाउस काठगोदाम में अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश को भ्रष्टाचार मुक्त करने के लिए शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई की जाए। जन शिकायतों एवं समस्याओं का निराकरण होना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कुमाऊं मंडल के आयुक्त एवं आईजी को सख्त निर्देश दिए कि भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करें। प्रदेश का कोई भी नागरिक भ्रष्टाचार के सम्बन्ध में टोल फ्री नम्बर 1064 पर जानकारी दे सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा, सुरक्षा की दृष्टि से उत्तराखंड में आने वाले असामाजिक तत्वों पर रोक लगाना जरूरी है। इसके लिए पुलिस महकमे के साथ ही वन विभाग व अन्य विभागों को चौकन्ना रहने की आवश्यकता है। इसके लिए सघन चेकिंग अभियान समय-समय पर चलाए जाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा, आम जनमानस के साथ ही जनप्रतिनिधियों के फोन अवश्य उठाएं तथा जनता की सकारात्मक रूप से सुनवाई कर समस्या का समाधान करें। कोई भी विभाग अपनी जिम्मेदारी दूसरे विभाग पर न डालें।

मुख्यमंत्री ने आयुक्त दीपक रावत को निर्देश दिए कि कुमाऊं मंडल में होने वाले विकास कार्यों की मॉनिटरिंग की जाए। कार्यों में कोताही व शिथिलता बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए।

बैठक में अध्यक्ष जिला पंचायत बेला तोलिया, मेयर डॉ. जोगेन्द्र पाल सिंह रौतेला, विधायक दीवान सिंह बिष्ट, राम सिंह कैडा, डॉ. मोहन सिंह बिष्ट, प्रताप बिष्ट के साथ कई अधिकारी उपस्थित रहे।

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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