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मुख्यमंत्री ने डोईवाला में मेधावी छात्राओं सोनम, रंजना और निकिता को सम्मानित किया

डोईवाला। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को समाज सेवी स्व. मांगेराम अग्रवाल की 18वीं पुण्यतिथि पर हर ज्ञान चन्द सरस्वती शिशु विद्या मंदिर डोईवाला परिसर में पौधारोपण किया।

मुख्यमंत्री ने कोरोना काल में सराहनीय सहयोग के लिए चिकित्सकों एवं समाज सेवियों डॉ. केएस भंडारी, डॉ. सुनील सैनी, डॉ. शीश कंडवाल, डॉ. अमित अग्रवाल, डॉ. वीकेएस संजय, डॉ. आरबी जोशी, मानवेंद्र कंडारी आदि को सम्मानित किया।

इस अवसर मेधावी छात्राओं, दसवीं की छात्रा सोनम भारती व रंजना रावत तथा इंटर की छात्रा निकिता रावत को सम्मान स्वरूप पांच-पांच हजार की धनराशि प्रदान की गई।

मुख्यमंत्री ने 85 गरीब परिवारों को राशन किट भी वितरित किए।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि स्व. मांगे राम अग्रवाल  जी ने समाज सेवा के माध्यम से समाज को नई दिशा दी। उन्होंने समाज को संस्कारित शिक्षा देने का भी महत्वपूर्ण कार्य किया। अपने लिए तो सभी जीते हैं, लेकिन समाज हित के लिए जीना बड़ी बात है।

मुख्यमंत्री ने डोईवाला स्थित केशवपुरी बस्ती में भव्य प्रवेश द्वार एवं स्व. मांगेराम की मूर्ति स्थापित करने की भी घोषणा की।

उन्होंने हरेला पर्व से पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों को प्रेरित करने के लिए उनसे भेंट के दौरान फूलों के गुलदस्ते के बजाय पौधे भेंट करने की अपील की है। स्वयं भी जब किसी से भेंट करते हैं तो पौधे भेंट कर रहे हैं।

सभी से कम से कम दस पौधे लगाने की अपील करते हुए कहा कि इससे हम पर्यावरण को संरक्षित करने में सफल होंगे।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि कोरोना काल ने हमें बहुत कुछ सिखाया है। अभी कोरोना का प्रभाव कम जरूर हुआ है, लेकिन समाप्त नहीं हुआ है। प्रदेश में सभी को निःशुल्क वैक्सीन लगाने का कार्य तेजी से किया जा रहा है। आज ही केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने उन्हें फोन पर बताया कि शीघ्र ही उत्तराखंड को आवश्यकता के अनुसार वैक्सीन उपलब्ध करा दी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भी उत्तराखंड से आध्यात्मिक एवं भावनात्मक लगाव है। प्रधानमंत्री ने राज्य के विकास के लिए सभी आवश्यक सहयोग का आश्वासन दिया है।

विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि उनके पिता स्व. श्री मांगे राम अग्रवाल समाज सेवा के साथ ही बच्चों को संस्कारित शिक्षा देने पर बल देते रहे। उनका मानना था कि संस्कार युक्त शिक्षा ही व्यक्ति को बेहतर इंसान बनाती है। उनका परिवार अपने पिता के सिद्धांतों का अनुकरण कर आगे बढ़ा है। उनके परिवार के बच्चे सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में ही पढ़ाई कर समाज सेवा के क्षेत्र में आगे बढ़े हैं।

आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने कहा कि उत्तराखंड ऋषि मुनियों की तपस्थली रही है। योग, यज्ञ, ध्यान, जप एवं परमार्थिक प्रवृत्तियां परमात्मा की प्रवृत्ति है। देवभूमि में सांस्कृतिक चेतना का प्रसार करने में अनेक समाजसेवी आगे आए हैं। डोईवाला नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा मनवाल ने सभी का आभार व्यक्त किया।

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Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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