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सीएम ने केंद्र से नरेंद्र नगर और कोटद्वार में केंद्रीय विद्यालय मांगे

नई दिल्ली। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान से शिष्टाचार भेंट की। उन्होंने केन्द्रीय मंत्री से नरेन्द्रनगर व कोटद्वार में केन्द्रीय विद्यालय खोले जाने के प्रस्ताव को मंजूरी देने का अनुरोध किया।

उन्होंने बताया कि इस संबंध में केन्द्रीय विद्यालय संगठन, देहरादून संभाग, क्षेत्रीय कार्यालय ने प्रस्ताव  संयुक्त आयुक्त (कार्मिक) केन्द्रीय विद्यालय संगठन (मुख्यालय) नई दिल्ली को भेजा है। मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड राज्य की क्षेत्रीय जनता के हितों के दृष्टिगत उक्त स्थानों पर केन्द्रीय विद्यालय खोलने की स्वीकृति देने का आग्रह किया।

मुख्यमंत्री धामी ने केन्द्रीय मंत्री से ऊधमसिंह नगर जिले के खटीमा तहसील के ग्राम महालिया में केन्द्रीय विद्यालय भवन के निर्माण में तेजी लाने के लिए कार्यदायी संस्था को निर्देशित करने का भी अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में पिछले चार वर्षों में स्कूली शिक्षा की क्वालिटी में सुधार के लिए महत्वपूर्ण पहल की गई है। समग्र शिक्षा में भारत सरकार पर्याप्त सहायता दे रही है।

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भारत सरकार क्वालिटी एजुकेशन पर विशेष तौर पर फोकस कर रही है। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री से ’एक्सीलरेटिंग स्टेट एजुकेशन प्रोग्राम टू इम्प्रूव रिजल्ट्स’ योजना में उत्तराखंड को भी शामिल करने का अनुरोध किया।

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Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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